बता दें की बिहार में इस समय जमीन सर्वे का काम चल रहा हैं। ऐसे में लोगों के मन में तरह-तरह के सवाल चल रहे हैं। ऐसे में विभाग ने साफ कर दिया हैं की जमीन सर्वे के माध्यम से जमीन के कागजात को अपडेट करना हैं, न की पारिवारिक बंटवारा करना हैं।
हालांकि, यदि परिवार के सभी सदस्य आपसी सहमति से पारिवारिक बंटवारानामा बनाकर यदि जमीन सर्वे के आवेदन के साथ देंगे तो यह सर्वे में दर्ज किया जा सकता है और फिर जमीन का खाता सभी के नाम अलग-अलग खोला जा सकता हैं।
अधिकारियों के अनुसार जमीन सर्वे के माध्यम से वंशावली के आधार पर रैयतों का नाम सर्वे में दर्ज किया जायेगा. साथ ही उनकी सभी जमीनों का विवरण भी दर्ज होगा। लेकिन जमीन के किस भाग में परिवार के कौन से सदस्य रहेंगे, इसका निर्धारण परिवार की आपसी सहमति से बंटवारानामा के माध्यम से होगा।
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