रूस से व्यापार को लेकर पेनाल्टी की धमकी
ट्रंप ने रूस से हथियार और ऊर्जा क्षेत्र में बड़े स्तर पर आयात करने वाले भारत पर अतिरिक्त पेनाल्टी यानी जुर्माने लगाने की भी धमकी दी है। यह कदम भारत के उन सेक्टर्स को प्रभावित कर सकता है जो रूस से आयात पर निर्भर हैं। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि इस पेनाल्टी की राशि कितनी होगी, लेकिन इसके लागू होने से भारत की व्यापार नीति और आर्थिक संतुलन पर दबाव पड़ सकता है।
भारत-अमेरिका के व्यापार के आंकड़े
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार का सालाना कारोबार लगभग 130 अरब डॉलर का है, जिसमें भारत का निर्यात 87 अरब डॉलर से अधिक है। भारतीय उद्योगों में इलेक्ट्रॉनिक्स, टेक्सटाइल, फार्मा, रत्न-आभूषण, कृषि उत्पाद और मरीन फूड जैसे सेक्टर्स अमेरिका को सबसे अधिक निर्यात करते हैं। इन सेक्टर्स की निरंतर बढ़ती मांग अमेरिका में भारतीय उत्पादों को लोकप्रिय बनाती है। लेकिन अब 25 प्रतिशत का टैरिफ लगने से भारतीय उत्पाद महंगे हो जाएंगे, जो अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धा को प्रभावित कर सकता है।
1. इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर पर असर
भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर, विशेषकर स्मार्टफोन, लैपटॉप, टैबलेट और सर्वर का निर्यात अमेरिका को सबसे ज्यादा होता है। इस सेक्टर ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी पकड़ मजबूत की है। हालांकि, अमेरिकी टैरिफ से इस सेक्टर को फिलहाल कुछ राहत मिली है क्योंकि अमेरिका ने टैरिफ लगाने के लिए सेक्शन 232 की समीक्षा की घोषणा की है, जिसकी रिपोर्ट आने में दो हफ्ते का समय लगेगा। यदि इस सेक्टर पर टैरिफ लगा तो भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स महंगे हो जाएंगे, जिससे अमेरिकी खरीदार दूसरे देशों की ओर रुख कर सकते हैं।
2. टेक्सटाइल उद्योग को बड़ा झटका
टेक्सटाइल सेक्टर में भारत का अमेरिका को निर्यात कुल टेक्सटाइल निर्यात का लगभग 28 प्रतिशत है। अमेरिकी बाजार में भारतीय कपड़ों की मजबूत मांग है। हालांकि, अमेरिका ने अन्य एशियाई देशों जैसे वियतनाम, इंडोनेशिया, बांग्लादेश और कंबोडिया पर भी भारी टैरिफ लगाया हुआ है। भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ से यह उद्योग प्रतियोगिता में पीछे रह सकता है, खासकर उन देशों के मुकाबले जहां टैरिफ दर कम या तुलनात्मक रूप से अधिक है।
3. फार्मास्यूटिकल्स सेक्टर की स्थिति
भारत का फार्मा सेक्टर अमेरिका को सबसे बड़ा निर्यातक है। भारत का लगभग 40 प्रतिशत फार्मा निर्यात अमेरिका को जाता है, जिसकी कीमत अरबों डॉलर में है। फिलहाल, फार्मा सेक्टर को टैरिफ से कुछ राहत मिली है क्योंकि इस सेक्टर को अभी 25 प्रतिशत टैरिफ की सूची से बाहर रखा गया है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में यह स्थिति बदल सकती है। अगर फार्मा सेक्टर पर भी टैरिफ लागू होता है तो यह भारतीय दवाओं को महंगा कर सकता है, जिससे अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धा कम हो जाएगी।
4. रत्न-आभूषण उद्योग पर बड़ा प्रभाव
रत्न और आभूषण उद्योग पर पहले से ही अमेरिका की तरफ से 10 प्रतिशत टैरिफ लगता है। नए आदेश के बाद इस टैरिफ में वृद्धि हो सकती है, जिससे भारतीय गहनों की कीमत बढ़ेगी। इससे अमेरिकी उपभोक्ता इन उत्पादों की खरीद में संकोच कर सकते हैं, जिसका सीधा असर इस क्षेत्र में काम करने वाले लाखों श्रमिकों की नौकरी पर पड़ेगा।
5. कृषि और मरीन उत्पादों पर दबाव
भारत अमेरिका को 5.6 अरब डॉलर से अधिक मूल्य के कृषि उत्पाद निर्यात करता है, जिनमें समुद्री उत्पाद, मसाले, डेयरी उत्पाद, चावल और हर्बल उत्पाद शामिल हैं। ट्रंप के टैरिफ का सबसे ज्यादा असर समुद्री खाद्य उद्योग पर होगा, क्योंकि ये उत्पाद अमेरिकी बाजार में काफी लोकप्रिय हैं। बढ़े हुए आयात शुल्क से ये उत्पाद महंगे होंगे, जिससे उनकी मांग कम हो सकती है।
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