यूपी में इन "शिक्षकों" के लिए बड़ी खुशखबरी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के शिक्षकों के हित में एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील निर्णय लिया है। अब ट्रांसफर प्रक्रिया में दिव्यांग, कैंसर पीड़ित, गंभीर बीमारियों से जूझ रहे शिक्षक या उनके आश्रितों को वरीयता दी जाएगी। यह फैसला न केवल शिक्षकों की व्यक्तिगत परिस्थितियों को ध्यान में रखता है, बल्कि सरकारी सिस्टम में मानवीयता की एक नई मिसाल भी पेश करता है।

संवेदनशीलता के साथ नीति में बदलाव

राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के तबादले को लेकर नया आदेश जारी किया गया है। इसके अनुसार: दिव्यांग शिक्षक, कैंसर या अन्य असाध्य बीमारियों से पीड़ित शिक्षक, दो साल से कम सेवा अवधि वाले शिक्षक। इन सभी को ट्रांसफर में प्राथमिकता दी जाएगी। यदि शिक्षक द्वारा चुने गए स्कूल में पद खाली नहीं हो, तो पास के किसी विद्यालय में उनकी नियुक्ति वरिष्ठता के आधार पर की जाएगी।

पारदर्शिता पर भी ज़ोर

सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि जिन शिक्षकों का पहले ट्रांसफर किया गया और बाद में फिर से स्थानांतरण हुआ, उनके मामलों की जांच की जाएगी। साथ ही, यह भी स्पष्ट करना होगा कि किन अधिकारियों की सिफारिश या गलती से यह दोहरा ट्रांसफर हुआ। ऐसे मामलों में संबंधित अधिकारियों के नाम रिपोर्ट में दर्ज किए जाएंगे।

मानवता बनाम प्रशासनिक प्रक्रिया

मई 2025 में जब एलटी ग्रेड और प्रवक्ता ग्रेड के शिक्षकों को प्रिंसिपल के पद पर प्रमोट किया गया था, तब बड़ी संख्या में शिक्षकों ने नई पोस्टिंग जॉइन नहीं की थी। इन शिक्षकों ने परिवारिक जिम्मेदारियों और स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए पास के विद्यालयों में ट्रांसफर की मांग की थी। इसी के मद्देनज़र सरकार ने मौजूदा संशोधन किया है।

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