बिहार में 'जीविका दीदियों' के लिए बड़ी खुशखबरी

पटना। बिहार में‘जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड’ ने अपने प्रयासों को तेज कर दिया है। यह संस्था अब शुरुआती दौर में जीविका से जुड़ी स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) की महिलाओं को तीन प्रकार के लोन प्रदान करने जा रही है, जिनकी राशि 15 हजार रुपये से लेकर दो लाख रुपये तक होगी। इस पहल का मकसद है महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाना और उनकी सामाजिक स्थिति को मजबूत करना।

लोन की राशि और शर्तें

जीविका निधि साख सहकारी संघ द्वारा तय की गई लोन राशि तीन कैटेगरी में बांटी गई है – 15 हजार रुपये, 75 हजार रुपये और अधिकतम दो लाख रुपये। इन सभी लोन पर सालाना 12 प्रतिशत ब्याज दर लागू होगी, जो महिलाओं के लिए कर्ज लेना सुलभ और सस्ता बनाता है। साथ ही, लोन चुकाने की अवधि भी राशि के आधार पर अलग-अलग तय की गई है। 15 हजार रुपये का लोन एक वर्ष में, 75 हजार रुपये का लोन दो वर्षों में और दो लाख रुपये का लोन अधिकतम तीन वर्षों में चुकाना होगा। यह योजना महिलाओं को अपनी आर्थिक जरूरतों के अनुसार उपयुक्त विकल्प चुनने की स्वतंत्रता देती है।

स्वायत्तता और संचालन

जीविका निधि साख सहकारी संघ की प्रबंध समिति की पहली बैठक में इस योजना को मंजूरी दी गई और आगामी तीन महीनों की कार्ययोजना को भी स्वीकृत किया गया। खास बात यह है कि इस पूरे संचालन की जिम्मेदारी स्वयं जीविका दीदियों को सौंपी गई है, जिससे उनकी नेतृत्व क्षमता और प्रबंधन कौशल भी विकसित होगा। जीविका के मुख्य कार्यपालक अधिकारी हिमांशु शर्मा ने बताया कि बिहार सरकार ने इस परियोजना के लिए 105 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की है, जिसमें से 5 करोड़ रुपये स्थापना मद के लिए आवंटित हैं।

महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण में बड़ा कदम

इस पहल के माध्यम से न केवल महिलाओं को वित्तीय सहायता मिलेगी, बल्कि वे स्वयं सहायता समूह के तहत आर्थिक निर्णय लेने में अधिक सक्षम बनेंगी। इससे महिलाओं को न केवल आर्थिक रूप से मजबूत बनने का मौका मिलेगा, बल्कि वे अपने परिवार और समुदाय में भी प्रभावी भूमिका निभा सकेंगी। यह योजना बिहार में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।

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