Barak-8: भारत के इस मिसाइल से दुनिया हैरान

नई दिल्ली। भारत की रक्षा तकनीक ने एक बार फिर विश्व में अपनी ताकत का परिचय दिया है। बाराक-8 (Barak-8) मिसाइल, जो भारतीय नौसेना और वायुसेना की एक प्रमुख सुरक्षा कवच है, ने दुनिया भर के रक्षा विशेषज्ञों को चकित कर रहा है। यह मिसाइल न केवल भारत की सामरिक क्षमता को बढ़ा रही है, बल्कि भारत को मिसाइल तकनीक के क्षेत्र में भी वैश्विक मान्यता दिला रही है।

बाराक-8 क्या है?

बाराक-8 एक मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है, जिसे भारत और इजरायल की साझेदारी में विकसित किया गया है। इसकी खासियत है कि यह अत्याधुनिक रडार और गाइडेंस सिस्टम से लैस है, जिससे यह उच्च गति से उड़ने वाले खतरनाक टारगेट जैसे क्रूज मिसाइल, लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर को बखूबी ट्रैक और नष्ट कर सकती है।

बाराक-8 की प्रमुख विशेषताएं

1 .लंबी मारक क्षमता: यह मिसाइल लगभग 70 किलोमीटर तक की दूरी पर अपने लक्ष्य को भेद सकती है।

2 .मल्टी-टारगेटिंग सिस्टम: यह सभी तरह के हवाई लक्ष्यों जैसे सबसोनिक और सुपरसोनिक मिसाइल, लड़ाकू विमान, समुद्र की गश्त पर तैनात विमान (एमपीए), हेलिकॉप्टर आदि को मार गिराने में सक्षम है।

3 .फ्लैक्सिबल लॉन्चिंग: इसे जहाजों, मिसाइल सिस्टम या वायुसेना के प्लेटफॉर्म से लॉन्च किया जा सकता है।

4 .राडार गाइडेंस: उच्च सटीकता और तेजी से लक्ष्य का पता लगाने की क्षमता।

भारत के लिए रणनीतिक महत्व

बाराक-8 मिसाइल ने भारत की समुद्री और हवाई सुरक्षा को नया आयाम दिया है। इसके आने से भारत के पोत और एयरबेस अधिक सुरक्षित हो गए हैं। साथ ही, यह मिसाइल पड़ोसी देशों और क्षेत्रीय खतरों के खिलाफ एक मजबूत रक्षक की तरह काम करती है। इसके अलावा, बाराक-8 का निर्यात भारत की रक्षा उद्योग को वैश्विक स्तर पर मजबूती प्रदान कर रहा है।

दुनिया की नजर भारत पर

बाराक-8 मिसाइल की सफलता ने भारत को मिसाइल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अग्रणी देशों की सूची में ला खड़ा किया है। इजरायल के साथ मिलकर तैयार यह मिसाइल सिस्टम न केवल भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाता है, बल्कि इसे एक मजबूत रणनीतिक भागीदार भी बनाता है। 

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