प्रमुख विशेषताएं:
1 .विकास और डिजाइन: धनुष मिसाइल का विकास DRDO ने भारतीय नौसेना की विशिष्ट आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए किया है। यह पृथ्वी-III के नाम से भी जानी जाती है और इसे समुद्री प्लेटफॉर्म्स पर आसानी से तैनात किया जा सकता है।
2 .मारक क्षमता और पेलोड: इस मिसाइल की रेंज करीब 350 किलोमीटर है, जो इसे सीमित दूरी में बेहद प्रभावशाली बनाती है। यह 500 किलोग्राम तक का पेलोड ले जा सकती है, जिसमें पारंपरिक बमों से लेकर परमाणु हथियार तक शामिल हो सकते हैं।
3 .लक्ष्य पर सटीक हमला: आपको बता दें की धनुष को ‘Ship-to-Ship’ और ‘Ship-to-Land’ हमलों के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें आधुनिक नेविगेशन सिस्टम लगे हैं जो इसे चलते हुए जहाज से भी सटीक निशाना साधने में सक्षम बनाते हैं।
4 .परमाणु क्षमता से भी लैस: धनुष मिसाइल भारत के न्यूनतम प्रतिरोधक क्षमता (Minimum Credible Deterrence) की नीति में एक अहम भूमिका निभाती है। इसकी परमाणु हथियार ले जाने की क्षमता भारतीय नौसेना को रणनीतिक लाभ देती है, जिससे भारत की समुद्री सीमा पहले से कहीं अधिक सुरक्षित हो जाती है।
इस मिसाइल का रणनीतिक महत्व:
धनुष मिसाइल का परीक्षण और तैनाती इस बात का स्पष्ट संकेत है कि भारत अपनी रक्षा प्रणाली को स्वदेशी तकनीक से मजबूत करने में सफल हो रहा है। यह मिसाइल भारतीय नौसेना को न केवल सतह से सतह तक हमला करने की क्षमता देती है, बल्कि दुश्मन के किसी भी दुस्साहस का समुद्र में ही करारा जवाब देने की सामर्थ्य भी प्रदान करती है।
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