बारिश में कमी से फसलों को खतरा
प्रदेश के कई इलाकों में बारिश का आंकड़ा कम रहने से फसलों की स्थिति चिंताजनक हो गई है। देवरिया, आजमगढ़, पीलीभीत, जौनपुर, अंबेडकरनगर, संत कबीर नगर, शामली, मऊ, कुशीनगर और गौतमबुद्ध नगर जैसे 10 जिलों में अभी तक पर्याप्त बारिश नहीं हुई है। इन जिलों में लगातार कम बारिश के कारण खरीफ सीजन की फसलें प्रभावित होने की संभावना बढ़ गई है।
वैकल्पिक खेती से होगा उत्पादन संरक्षण
इन 10 जिलों के जिला कृषि अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे बुवाई की वर्तमान स्थिति की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करें और उस आधार पर वैकल्पिक खेती के विकल्प तलाशें। इस दिशा में विशेष रूप से श्री अन्न, बाजरा और तोरिया जैसी फसलों को प्रोत्साहित किया जाएगा, जो कम पानी में भी बेहतर उत्पादन दे सकती हैं। साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि मिट्टी के अनुसार कौन-कौन सी अन्य फसलें उगाई जा सकती हैं, ताकि किसानों की आय सुरक्षित रहे।
किसानों को मिलेगा निःशुल्क बीज
कृषि विभाग ने किसानों को निःशुल्क बीज उपलब्ध कराने की योजना बनाई है, जिससे वे आर्थिक रूप से भी समर्थ बन सकें और समय रहते वैकल्पिक फसलों की बुआई कर सकें। इससे न केवल फसल उत्पादन बचाने में मदद मिलेगी, बल्कि खरीफ सीजन के दौरान आर्थिक नुकसान से भी बचाव होगा।
बारिश का दौर जारी, उम्मीद बरकरार
हालांकि प्रदेश में पिछले तीन दिनों से छिटपुट बारिश का दौर जारी है और बुंदेलखंड के जिलों में बारिश का आंकड़ा बढ़ रहा है, लेकिन वर्षा की यह मात्रा अभी भी 27 जिलों के लिए पर्याप्त नहीं मानी जा रही है। सरकार लगातार मौसम की स्थिति पर नजर बनाए हुए है और किसानों की मदद के लिए हर संभव कदम उठाया जा रहा है।
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