नया भारत: वैश्विक सैन्य ताकत में कहां खड़ा है?

नई दिल्ली। 21वीं सदी का भारत अब केवल एक तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था ही नहीं, बल्कि एक निर्णायक सैन्य शक्ति के रूप में भी वैश्विक मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुका है। बदलती वैश्विक रणनीतिक स्थितियों, दो‑फ्रंट चुनौतियों (चीन और पाकिस्तान), और रक्षा क्षेत्र में निरंतर सुधारों ने भारत को केवल एक "क्षेत्रीय शक्ति" नहीं बल्कि एक "वैश्विक सैन्य ताकत" के रूप में उभारा है।

वैश्विक रैंकिंग और स्थिति

2025 की Global Firepower Index रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने लगातार चौथे वर्ष दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सैन्य शक्ति का स्थान प्राप्त किया है। भारत का पावर इंडेक्स स्कोर 0.1184 रहा, जिससे वह अमेरिका, रूस और चीन के बाद आता है। यह रैंकिंग 60 से अधिक मानकों के आधार पर तय होती है, जिनमें सैन्य संसाधन, रक्षा बजट, तकनीकी क्षमताएं, भौगोलिक कारक और सैन्य तैयारी शामिल हैं।

सैन्य बल और क्षमताएं

1. थलसेना (Indian Army)

भारतीय थलसेना विश्व की सबसे बड़ी सक्रिय थलसेनाओं में से एक है। लगभग 1.45 मिलियन सक्रिय जवान और कुल मिलाकर 5 मिलियन से अधिक सैन्यकर्मी (रिजर्व व अर्धसैनिक बल मिलाकर) भारत की ज़मीन पर लड़ाकू क्षमता को मज़बूत बनाते हैं। भारतीय सेना के पास T‑90 ‘भीष्म’ टैंक, अर्जुन टैंक, पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट, ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम, और AK-203 राइफल्स समेत अन्य कई तरह के घातक हथियार मौजूद हैं।

2. वायुसेना (Indian Air Force)

भारत के पास करीब 2,200 से अधिक एयरक्राफ्ट हैं जिनमें 600 फाइटर जेट्स, 899 हेलीकॉप्टर्स, और कई स्पेशल मिशन विमान शामिल हैं। भारत के पास राफेल, सुखोई-30MKI, तेजस, मिराज-2000, अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर, C-130J सुपर हरक्यूलिस समेत अन्य कई तरह के हथियार मौजूद हैं।

3. नौसेना (Indian Navy)

तीनों सेनाओं में सबसे तेज़ी से आधुनिक हो रही शाखा है – भारतीय नौसेना। वर्तमान में भारत के पास दो एयरक्राफ्ट कैरियर्स (INS विक्रांत और विक्रमादित्य), एक दर्जन से अधिक पनडुब्बियां और 150+ युद्धपोत हैं। भारत के पास दो परमाणु पनडुब्बियां हैं।

रक्षा बजट और आत्मनिर्भर भारत

भारत का रक्षा बजट वित्तीय वर्ष 2025 में ₹6.81 लाख करोड़ पहुंच गया है, जो GDP का लगभग 2.1% और केंद्र सरकार के कुल व्यय का 13.5% है। यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा रक्षा बजट है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “आत्मनिर्भर भारत” पहल के तहत भारत अब पहले से कहीं अधिक स्वदेशी रक्षा उत्पादन पर ध्यान दे रहा है। तेजस लड़ाकू विमान, अर्जुन टैंक, आकाश मिसाइल, और स्वदेशी ड्रोन सिस्टम इसका उदाहरण हैं।

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