परमाणु पनडुब्बी से लैस है 6 देशों की सेना, भारत भी शामिल

नई दिल्ली। विश्व राजनीति और सुरक्षा के परिप्रेक्ष्य में परमाणु पनडुब्बियों (Nuclear Submarines) का महत्व लगातार बढ़ता जा रहा है। ये पनडुब्बियां किसी भी देश की नौसैनिक शक्ति को गहराई तक मजबूती प्रदान करती हैं। वर्तमान समय में केवल छह देश ऐसे हैं जिनकी सेनाओं के पास परमाणु ऊर्जा से संचालित और हथियारों से लैस पनडुब्बियां हैं। ये देश हैं: अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस और भारत।

परमाणु पनडुब्बियों की भूमिका

परमाणु पनडुब्बियां समुद्र की गहराइयों में महीनों तक रह सकती हैं और परमाणु हथियारों से लैस होने के कारण ये 'Second Strike Capability' (दूसरे हमले की क्षमता) का मुख्य आधार होती हैं। किसी देश पर अगर परमाणु हमला होता है, तो ये पनडुब्बियां प्रतिउत्तर में परमाणु हमला कर सकती हैं। इसी वजह से ये शक्ति संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती हैं।

छह शक्तिशाली देश और उनकी क्षमताएं

1. अमेरिका

अमेरिका के पास सबसे बड़ी और आधुनिक परमाणु पनडुब्बी बेड़ा है। ओहायो (Ohio), वर्जीनिया (Virginia), और कोलंबिया (Columbia) क्लास की पनडुब्बियां अमेरिकी नौसेना की रीढ़ हैं।

2. रूस

रूस की सेना के पास सोवियत काल से ही उन्नत परमाणु पनडुब्बियां रही हैं। बोरई (Borei) और अकुला (Akula) क्लास की पनडुब्बियां आज भी उसकी सामरिक शक्ति का बड़ा हिस्सा हैं।

3. चीन

चीन ने हाल के वर्षों में परमाणु पनडुब्बियों में तेज़ी से निवेश किया है। जीन (Jin) क्लास की पनडुब्बियां चीन की परमाणु त्रिकोण नीति का अहम हिस्सा हैं।

4. ब्रिटेन

ब्रिटेन की नौसेना के पास वेंगार्ड (Vanguard) क्लास की परमाणु पनडुब्बियां हैं, जो ट्राइडेंट (Trident) मिसाइलों से लैस हैं। ब्रिटेन अमेरिका के साथ तकनीकी सहयोग भी करता है।

5. फ्रांस

फ्रांस की परमाणु पनडुब्बियों में त्रायोम्फां (Triomphant) क्लास शामिल है, जो पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से बनी हैं। यह यूरोप का अकेला ऐसा देश है जिसने परमाणु पनडुब्बियों का स्वतंत्र विकास किया है।

6. भारत

भारत ने हाल के वर्षों में 'INS अरिहंत' और 'INS अरिघाट' जैसी परमाणु पनडुब्बियों के ज़रिए इस विशिष्ट समूह में प्रवेश किया है। यह भारत की परमाणु नीति की 'नो फर्स्ट यूज़' (पहले प्रयोग नहीं) सिद्धांत को और मजबूती देती है।

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