क्या है नया बदलाव?
इस संशोधित नियमावली में सबसे महत्वपूर्ण बदलाव शैक्षिक योग्यता से "समकक्षता" शब्द को हटाना है। पहले नियमों के तहत, उम्मीदवार को "स्नातकोत्तर उपाधि या समकक्ष उपाधि" धारक होना अनिवार्य था। इसका अर्थ यह हुआ करता था कि कोई भी अपनी डिग्री को समकक्ष बताकर आवेदन कर सकता था, जिससे बाद में कानूनी विवाद और मुकदमेबाजी की स्थिति बनती थी।
अब संशोधन के बाद केवल उन्हीं उम्मीदवारों को पात्र माना जाएगा जिनके पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय, मानित विश्वविद्यालय या संस्था से प्राप्त स्नातकोत्तर उपाधि होगी। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि अब कोई भी बिना स्पष्ट मान्यता की उपाधि के आवेदन नहीं कर सकेगा।
अधिमानी अर्हता में भी बदलाव
पुरानी नियमावली में एलटी डिप्लोमा, बीटीसी, बीएड या समकक्ष उपाधि को अधिमानी अर्हता के रूप में मान्यता प्राप्त थी। लेकिन संशोधित नियमों में एलटी डिप्लोमा और बीटीसी को हटा दिया गया है। अब अधिमानी योग्यता के रूप में केवल उन्हीं अभ्यर्थियों को वरीयता दी जाएगी जिन्होंने एनसीटीई से मान्यता प्राप्त संस्था से बीएड की उपाधि प्राप्त की हो। यह बदलाव यह संकेत देता है कि अब शिक्षा विभाग की मंशा एक स्पष्ट, विवादरहित और गुणवत्ता-आधारित चयन प्रक्रिया अपनाने की है।
कितने पदों पर होगी भर्ती?
जानकारी के अनुसार, खंड शिक्षा अधिकारी(BEO) के 134 रिक्त पदों का अधियाचन पहले ही उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) को भेजा जा चुका है। अब जब संशोधित नियमावली भी आयोग को भेज दी जाएगी, तो बहुत जल्द भर्ती विज्ञापन जारी होने की संभावना है। ज्ञात हो कि इससे पहले 2019 में आयोग द्वारा 309 पदों पर भर्ती प्रक्रिया संपन्न कराई गई थी।
0 comments:
Post a Comment