हाइपरसोनिक मिसाइल क्या हैं?
हाइपरसोनिक मिसाइलें पारंपरिक बैलिस्टिक मिसाइलों से अलग होती हैं क्योंकि ये न केवल बेहद तेज़ गति से चलती हैं, बल्कि अत्यधिक लचीली उड़ान पथ भी अपनाती हैं। यह तकनीक मिसाइल को रेडार और एंटी-मिसाइल सिस्टम से बचने में मदद करती है। इसकी गति और गतिशीलता के कारण इसे रोक पाना आज की सबसे बड़ी चुनौती है।
4 देशों की खास उपलब्धि
1 .रूस: रूस ने सबसे पहले अपनी ‘अवांगार्ड’ और ‘किनज़ाल’ जैसी हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक विकसित की और इसे अपनी सेना में शामिल किया।
2 .चीन: चीन ने ‘डीएफ-17’ मिसाइल को सफलतापूर्वक टेस्ट कर अपनी सैन्य ताकत में वृद्धि की।
3 .अमेरिका: अमेरिका लगातार इस तकनीक पर काम कर रहा है और अपनी रक्षा क्षमताओं को बढ़ा रहा है।
4 .भारत: भारत ने भी हाल हाइपरसोनिक मिसाइलों के सफल परीक्षण किए हैं, जिससे उसकी सैन्य क्षमता में काफी मजबूती आई है।
वैश्विक सुरक्षा पर प्रभाव
आज के समय में हाइपरसोनिक मिसाइल टेक्नोलॉजी केवल तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि वैश्विक शक्ति संतुलन को बदलने वाली एक बड़ी ताकत है। जब तक अधिक देशों के पास यह तकनीक नहीं आती, तब तक यह चार देशों की खास उपलब्धि बनी रहेगी। भविष्य में इस तकनीक के नियंत्रण और निरोध के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग और समझौतों की आवश्यकता अनिवार्य होगी।
0 comments:
Post a Comment