क्या है नई व्यवस्था?
वित्त विभाग द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि: जिन पदों की सेवानिवृत्ति की नियमित आयु 60 वर्ष है, वहां अधिकतम 65 वर्ष तक ही संविदा पर नियोजन संभव होगा। वहीं जिन पदों पर सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष निर्धारित है, वहां कर्मचारी 70 वर्ष तक संविदा पर नियोजित किए जा सकते हैं। इस नीति के तहत अब किसी विभाग को यह संशय नहीं रहेगा कि किसी रिटायर्ड कर्मी को अधिकतम कितनी उम्र तक संविदा पर नियुक्त किया जा सकता है।
क्यों लिया गया यह निर्णय?
हाल के दिनों में राज्य के कई विभागों द्वारा वित्त विभाग से संविदा पर नियोजन से संबंधित दिशा-निर्देश मांगे जा रहे थे। मानव संसाधन की जरूरत, विशेषज्ञता का लाभ उठाने और अनुभव का उपयोग करने की दृष्टि से यह मांग की जा रही थी। ऐसे में सरकार ने स्थिति को स्पष्ट करते हुए यह नई व्यवस्था लागू कर दी है।
क्या होगा इसका असर?
इस निर्णय का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि: अनुभवी और कुशल सेवानिवृत्त कर्मचारियों का उपयोग सरकार बेहतर प्रशासनिक कार्यों में कर सकेगी। सेवाओं में गुणवत्ता बनी रहेगी, खासकर उन विभागों में जहां तकनीकी और प्रशासनिक अनुभव की जरूरत होती है। राज्य में उच्चस्तरीय मानव संसाधन की कमी को दूर किया जा सकेगा।
0 comments:
Post a Comment