यह सुविधा सोमवार को भारत इंटरफेस फॉर मनी (BHIM) ऐप के माध्यम से यूपीआई आधारित डिजिटल टिकटिंग सिस्टम को मंजूरी मिलने के बाद लागू की जाएगी। इस कदम से न केवल यात्रियों के लिए सफर करना आसान होगा, बल्कि डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी।
सुविधाएँ और लाभ
ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा: अब यात्रियों को टिकट के लिए कैश देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वे आसानी से QR CODE स्कैन करके यूपीआई माध्यम से पेमेंट कर सकेंगे। यह सुविधा यात्रियों को ज्यादा सहूलियत देगी, खासकर उन लोगों के लिए जो डिजिटल ट्रांजेक्शन में विश्वास रखते हैं।
कैशबैक का लाभ: यूपीआई पेमेंट करने पर यात्रियों को कैशबैक की सुविधा भी मिलेगी। यह एक और आकर्षक पहल है, जिससे लोग अधिक डिजिटल पेमेंट की ओर प्रेरित होंगे।
छोटे पैसों की समस्या नहीं: ऑनलाइन पेमेंट से कंडक्टर को छुट्टे पैसों को लेकर कोई समस्या नहीं होगी और यात्रियों को भी पैसे वापस लेने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। यह सुविधा खासकर उन यात्रियों के लिए बहुत फायदेमंद होगी जो हमेशा छुट्टे पैसे की कमी से जूझते हैं।
प्रोत्साहन: इसके अलावा, बस चालकों और परिचालकों को डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्हें भी इसके लिए विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि वे यात्रियों को इस सुविधा के बारे में जानकारी दे सकें और इसका सही तरीके से उपयोग कर सकें।
एनपीसीआई और स्टीकर की सहमति
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) की ओर से इस पहल को बढ़ावा देने के लिए सहमति दी गई है। इसके तहत सभी बसों में 8X5 इंच आकार के यूपीआई पेमेंट स्कैनर स्टीकर लगाए जाएंगे। यह स्टीकर यात्रियों को सीट के पीछे दिखाई देगा, जिससे वे इसे आसानी से स्कैन करके डिजिटल पेमेंट कर सकेंगे।
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