खबर के अनुसार केंद्रीय भू-जल बोर्ड की जांच रिपोर्ट में बिहार के 10 जिलों के पानी में मानक से अधिक यूरेनियम की मात्रा पाई गई है। इसमें नालंदा, भागलपुर, गोपालगंज, कटिहार, मधेपुरा, नवादा, पूर्णिया, सीवान, वैशाली और मुजफ्फरपुर शामिल हैं।
बता दें की विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार पीने के पानी में 30 भाग प्रति बिलियन (पीपीबी) से कम यूरेनियम होना चाहिए। लेकिन नालंदा के मघड़ा में 98.647 पीपीबी मात्रा मिली है। वहीं अन्य जिलों के पानी में भी मानक से अधिक यूरेनियम की मात्रा मिली हैं।
दरअसल पानी में यूरेनियम की मात्रा अधिक होने से व्यक्ति का यूरिन डिस्चार्ज कम होता है। यह किडनी के लिए बहुत ही घातक है, इसे किडनी खराब हो सकती हैं। इसके अलावा यूरेनियम अधिक होने से हृदय संबंधी और कैंसर जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं।
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