खबर के अनुसार बिहार में बहुत से लोग अपने पुरोहित को, बेटियों को, भांजे को दान में जमीन देते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक जिसने दान दिया है, उसे कागजात दिखाने होंगे। हिंदू लॉ में ओरल डोनेशन का कोई प्रावधान नहीं है। इसके लिए जमीन की रजिस्ट्री जरूरी हैं।
आपको बता दें की अगर दान देने वाला परिवार बाद में किसी बात से हट जाए, तो लोगों को इसके लिए समस्या का सामना करना पड़ेगा। ऐसे जमीन मालिक को पहले से अपने दानदाता से संपर्क करना चाहिए और जमीन के कागजात बना लेनी चाहिए।
वहीं, अगर गैरमजरूआ जमीन किसी एक ही परिवार के कब्जे में लंबे समय तक रह गया है, तो उसका नेचर बदल गया है। उसे अब गैरमजरूआ खास कहा जाएगा और वो जमीन उसी मालिक के पास रहेगी। हालांकि मालिक को जमीन के कागजात दिखाने होंगे।
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