एक रिपोर्ट की मानें तो दुनियाभर के कुल वैश्विक व्यापार में अमेरिकी डॉलर की हिस्सेदारी 80 फीसदी से ज्यादा है। इसका मतलब है कि पूरी दुनिया में वैश्विक कारोबार का 80 फीसदी से ज्यादा ट्रांजेक्शन डॉलर में होता है। यानि की रोजाना अमेरिकी डॉलर की ट्रेडिंग वॉल्यूम 2.2 लाख करोड़ डॉलर है।
वहीं अगर बाद यूरो की करें तो यूरो यूरोपीय संघ के देशों की कॉमन करेंसी है। वैश्विक कारोबार में डॉलर के बाद यूरो दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी रिजर्व करेंसी मानी जाती हैं। यूरोपीय संघ के देश आपस में व्यापार के लिए यूरो का इस्तेमाल करते हैं। जिसके कारण यूरो की गिनती एक ताकतवर करेंसी में होती हैं।
अगर बात महंगी करेंसी की करें तो कुवैत की मुद्रा कुवैती दीनार दुनिया की सबसे महंगी करेंसी हैं। वर्तमान समय में एक दीनार भारत के करीब 263.41 रुपये के बराबर है। कुवैत दीवार महंगी करेंसी के मामले में दुनिया की सबसे ताकतवर करेंसी हैं।
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