कौन-कौन से व्यवसायों पर मिलेगी सब्सिडी
यह योजना क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी योजना (CLSS) के तहत संचालित होगी, जिसका अर्थ है कि उद्यमी बैंक ऋण के साथ इस सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं। योजना का लाभ व्यक्तियों, किसान उत्पादक संगठनों और स्वयं सहायता समूहों को दिया जाएगा। प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:
भेड़ और बकरी पालन: 50 लाख रुपये तक की सब्सिडी
मुर्गी पालन: 25 लाख रुपये तक की सब्सिडी
सुअर पालन: 30 लाख रुपये तक की सब्सिडी
चारा और बीज प्रसंस्करण इकाई: 50 लाख रुपये तक की सब्सिडी
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 3,843 परियोजनाओं को स्वीकृति दी जा चुकी है, जिनकी कुल लागत 2,672.45 करोड़ रुपये है। इनमें से 1,233.69 करोड़ रुपये की सब्सिडी जारी की जा चुकी है। सबसे लोकप्रिय विकल्प भेड़ और बकरी पालन रहा है, जिसमें 3,169 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
रोजगार सृजन और कौशल विकास
इस योजना से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 18,475 लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान है। यह रोजगार न केवल फार्म मालिकों और मजदूरों के लिए है, बल्कि पशु-चिकित्सकों, चारा आपूर्तिकर्ताओं और परिवहन से जुड़े लोगों के लिए भी नए अवसर खोलेगा।
इसके अलावा योजना का एक महत्वपूर्ण पहलू कौशल विकास है। सरकारी प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों को आधुनिक तकनीक और प्रबंधन प्रथाओं में प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे उनके व्यवसाय अधिक लाभदायक और टिकाऊ बनेंगे।

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