लंबा संघर्ष और मंजूरी
दातागंज में बाईपास निर्माण की मांग लंबे समय से रही है। नगर में बार-बार जाम लगने के कारण लोगों और व्यापारियों को भारी परेशानी होती थी। नगरवासियों ने कई बार इस मुद्दे को विधायक राजीव कुमार सिंह के सामने उठाया। विधायक ने इसे विधानसभा में भी उठाया और मुख्यमंत्री तक अपनी बात पहुंचाई।
हालांकि पहले पैसेंजर कार यूनिट (PCU) के मानकों के कारण परियोजना को मंजूरी नहीं मिल पा रही थी, लेकिन हाल ही में जब पीसीयू मानकों को शिथिल किया गया, तो दातागंज बाईपास को मंजूरी मिल गई। इसके साथ ही अब निर्माण की प्रक्रिया जल्द शुरू की जा सकेगी।
बाईपास का मार्ग और लाभ
दातागंज बाईपास नगर के भीतर नौ किलोमीटर लंबे हिस्से में बनाया जाएगा। इससे न केवल नगरवासियों को जाम की समस्या से राहत मिलेगी, बल्कि भारी वाहनों का आवागमन भी सुगम होगा। विशेष रूप से नेपाल और पड़ोसी राज्यों से आने-जाने वाले ट्रक और वाणिज्यिक वाहन अब नगर के मुख्य मार्ग पर जाम लगाए बिना आसानी से गुजर सकेंगे। इससे व्यापारियों को भी राहत मिलेगी और व्यवसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
रोजगार और विकास के नए अवसर
दातागंज में पहले से ही कई परियोजनाएं चल रही हैं, जैसे गंगा एक्सप्रेस-वे, महिला पीएसी बटालियन और सैजनी प्लांट। बाईपास निर्माण से रोजगार के नए अवसर खुलेंगे और नगर में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
इस योजना पर स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
नगरवासियों का कहना है कि बाईपास बनने से दातागंज की सबसे बड़ी समस्या, जाम, का समाधान हो जाएगा। दुकानदारों और व्यापारियों का भी मानना है कि इससे व्यापार बढ़ेगा और रोजमर्रा की परेशानियां कम होंगी। अधिशासी अभियंता, पीडब्ल्यूडी नरेश कुमार के अनुसार, बाईपास निर्माण के लिए सभी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं और बजट जारी होते ही निर्माण कार्य में तेजी लायी जाएगी।

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