मार्च 2026 से पहले लागू हो सकती है नई व्यवस्था
एक निजी कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री ने बताया कि मंत्रालय इस दिशा में तेजी से काम कर रहा है। योजना है कि मार्च 2026 से पहले ऐसी प्रणाली लागू की जाए, जिससे EPF सब्सक्राइबर सीधे एटीएम या यूपीआई प्लेटफॉर्म के जरिए पीएफ की राशि निकाल सकें। फिलहाल कर्मचारी 75 प्रतिशत तक पीएफ की निकासी कर सकते हैं, लेकिन प्रक्रिया अभी भी कई चरणों में पूरी होती है।
अब जटिल प्रक्रिया से भी मिलेगी मुक्ति
मंत्री ने मौजूदा व्यवस्था की खामियों पर भी ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि अभी पीएफ निकालने के लिए अलग-अलग फॉर्म और शर्तें हैं, जिससे कर्मचारियों को अनावश्यक परेशानी होती है। जबकि पीएफ की राशि पूरी तरह सब्सक्राइबर की ही होती है। इसी वजह से सरकार निकासी प्रक्रिया को सरल, तेज और अधिक पारदर्शी बनाने की दिशा में कदम उठा रही है।
EPFO में पहले ही हो चुके हैं बड़े सुधार
अक्टूबर 2025 में EPFO ने पीएफ नियमों में व्यापक सुधारों को मंजूरी दी थी। पहले जहां अलग-अलग जरूरतों के लिए 13 तरह की निकासी श्रेणियां थीं, वहीं अब इन्हें सरलकर दिया गया है। इससे क्लेम में देरी और रिजेक्शन की समस्या काफी हद तक कम हुई है।
अब ज्यादा राशि निकालने की सुविधा
नए नियमों के तहत पीएफ निकासी का दायरा भी बढ़ा दिया गया है। पहले कर्मचारी केवल अपने योगदान और उस पर मिले ब्याज का हिस्सा ही निकाल पाते थे। अब कर्मचारी के साथ-साथ नियोक्ता के योगदान और ब्याज को भी निकासी में शामिल किया गया है। इससे 75 प्रतिशत पीएफ निकासी की राशि पहले की तुलना में कहीं अधिक हो जाएगी।
बेरोजगारी होने पर क्या मिलेगा लाभ
यदि कोई कर्मचारी बेरोजगार हो जाता है, तो वह तुरंत अपने पीएफ का 75 प्रतिशत हिस्सा निकाल सकता है। शेष 25 प्रतिशत राशि एक वर्ष बाद निकाली जा सकेगी। वहीं 55 वर्ष की उम्र के बाद रिटायरमेंट, स्थायी विकलांगता, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति या विदेश में स्थायी रूप से बसने की स्थिति में पूरा पीएफ निकालने की अनुमति होगी।
पात्रता शर्तें भी हुईं आसान
पहले अलग-अलग कारणों से पीएफ निकालने के लिए 7 साल तक की सेवा शर्त होती थी। अब इसे घटाकर सिर्फ 12 महीने कर दिया गया है। यानी एक साल की नौकरी पूरी करने के बाद कर्मचारी बड़ी राशि निकालने के पात्र हो जाएंगे।

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