महिलाओं का होगा विशेष सर्वे
सरकार की योजना के तहत उन महिलाओं का सर्वे कराया जाएगा, जिनकी वार्षिक आय 60 हजार रुपये या उससे अधिक है। इस सर्वे के जरिए यह पता लगाया जाएगा कि कौन-सी महिलाएं थोड़े सहयोग और मार्गदर्शन से अपनी आय को और बढ़ा सकती हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के अंतर्गत हजारों महिलाओं को 10-10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है, जिससे अब सरकार अगले स्तर की तैयारी कर रही है।
पूरी रणनीति पर काम
जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार ने ‘लखपति दीदी’ अभियान को लेकर विस्तृत रणनीति तैयार की है। जीविका समूहों से जुड़ी महिलाओं को इसमें प्राथमिकता दी जाएगी और महिला रोजगार योजना की लाभुकों को भी इस पहल से जोड़ा जाएगा। जल्द ही इस संबंध में जीविका दीदियों को आधिकारिक दिशा-निर्देश जारी किए जाने की संभावना है।
ट्रेनिंग और तकनीकी सहयोग मिलेगा
सरकार केवल आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि महिलाओं को प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग भी उपलब्ध कराया जाएगा। जो महिलाएं पहले से किसी काम या व्यवसाय से जुड़ी हैं, उन्हें अपने कार्य को विस्तार देने के लिए जरूरी तकनीकी मदद दी जाएगी। वहीं, नई शुरुआत करने वाली महिलाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण से जोड़ा जाएगा, ताकि वे टिकाऊ आय के साधन विकसित कर सकें।
आय बढ़ाने पर सरकार का फोकस
इस पहल का मुख्य उद्देश्य जीविका दीदियों की वार्षिक आय को कम से कम एक लाख रुपये तक पहुंचाना है। सरकार का मानना है कि जब महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत होंगी, तो इससे न केवल परिवार बल्कि पूरे समाज की स्थिति बेहतर होगी।
महिला सशक्तिकरण की ओर मजबूत कदम
‘लखपति दीदी’ की दिशा में उठाया जा रहा यह कदम महिला सशक्तिकरण को नई ऊंचाई देने वाला माना जा रहा है। इससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा और वे आर्थिक फैसलों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेंगी। बिहार सरकार की यह पहल महिलाओं के लिए एक नई उम्मीद और आत्मविश्वास का संदेश लेकर आई है।

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