यूपी में 'स्वास्थ्यकर्मियों' के लिए नया नियम लागू, जानें डिटेल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सरकारी अस्पतालों की कार्यप्रणाली को अधिक पारदर्शी और अनुशासित बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। अब प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज कराना अनिवार्य कर दिया गया है। नए नियम के तहत बिना बायोमेट्रिक हाजिरी के किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को वेतन नहीं मिलेगा।

सभी अस्पतालों में लागू होगा नियम

स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार यह व्यवस्था जिला चिकित्सालय, महिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) सहित सभी सरकारी चिकित्सा इकाइयों में लागू की जाएगी। विभाग ने साफ कर दिया है कि अब उपस्थिति को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

अधिकारियों को सख्त निर्देश

स्वास्थ्य विभाग के निदेशक ने इस संबंध में सभी जिला निदेशकों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (CMO) को आदेश जारी कर दिए हैं। आदेश में कहा गया है कि शासन की मंशा के अनुरूप पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सभी चिकित्सा इकाइयों में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों की दैनिक उपस्थिति बायोमेट्रिक सिस्टम के माध्यम से दर्ज की जाए और उसी आधार पर मासिक वेतन का भुगतान किया जाए।

अनुशासन और निगरानी होगी मजबूत

इस फैसले के बाद अस्पतालों में डॉक्टरों और कर्मचारियों की मनमानी पर रोक लगने की उम्मीद है। समय पर अस्पताल न पहुंचने, बिना सूचना अनुपस्थित रहने और देर से आने जैसी शिकायतों पर अब आसानी से नजर रखी जा सकेगी। इससे न केवल कार्य संस्कृति में सुधार आएगा, बल्कि मरीजों को भी समय पर चिकित्सकीय सेवाएं मिल सकेंगी।

सुधार की दिशा में लगातार प्रयास जारी

गौरतलब है कि राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए लगातार कदम उठा रही है। स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक भी समय-समय पर अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं की समीक्षा करते रहते हैं। बायोमेट्रिक हाजिरी का यह फैसला प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को अधिक जवाबदेह और प्रभावी बनाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।

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