यूपी में पंचायत चुनाव को लेकर ओबीसी आयोग का गठन

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की तैयारियाँ अब और तेज़ हो चुकी हैं। योगी आदित्यनाथ सरकार ने आगामी पंचायत चुनाव (संभावित अप्रैल 2026) को ध्यान में रखते हुए राज्य स्थानीय ग्रामीण निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग (OBC आयोग) के गठन को मंजूरी दे दी है। यह फैसला सामाजिक न्याय और प्रशासनिक पारदर्शिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है। शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद, पंचायतीराज विभाग ने चुनाव प्रक्रिया को गति देना शुरू कर दिया है।

ओबीसी आयोग गठन का उद्देश्य

पंचायत चुनावों में पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षण को लेकर लंबे समय से विवाद और प्रश्नचिह्न उठते रहे हैं। चुनावों के दौरान अक्सर यह मुद्दा सामने आता है कि आरक्षण की प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं है या पिछड़े वर्ग को उनका उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में यह नया आयोग एक वैधानिक और निष्पक्ष ढांचा प्रदान करेगा, जो पंचायतों में आरक्षण की सीमाओं को न्यायसंगत तरीके से तय करने में मदद करेगा।

आयोग की मुख्य भूमिका

1 .आयोग यह मूल्यांकन करेगा कि कौन-कौन से पिछड़े वर्ग के समुदाय पंचायत स्तर पर आरक्षण के पात्र हैं।

2 .यह आयोग ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत—तीनों स्तरों पर OBC आरक्षण के लिए सीटों का निर्धारण करेगा।

3 .सटीक जनसंख्या आंकड़ों और सामाजिक-आर्थिक मानकों के आधार पर आरक्षण की सिफारिशें दी जाएंगी।

चुनाव की रूपरेखा

1 .उत्तर प्रदेश में इस बार 57,695 पंचायतों में चुनाव कराए जाने की योजना है।

2 .सीटों का परिसीमन पहले ही किया जा चुका है, अब आरक्षण निर्धारण की प्रक्रिया प्रारंभ होगी।

3 .आयोग की सिफारिशों के आधार पर ही OBC आरक्षण लागू किया जाएगा।

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