धरने का नेतृत्व कर रहे शिक्षक/शिक्षामित्र उत्थान समिति के प्रदेश अध्यक्ष गुडडू सिंह, विकास शर्मा और शालिनी शुक्ला को प्रशासन की पहल पर मुख्यमंत्री आवास ले जाया गया, जहां उन्होंने ओएसडी से मुलाकात की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अनुपस्थिति में उनके ओएसडी ने शिक्षामित्रों की मांगों को गंभीरता से सुना और उन्हें मुख्यमंत्री तक पहुँचाने का आश्वासन दिया।
गुडडू सिंह ने बताया कि ओएसडी ने समस्याओं को नीतिगत स्तर पर हल करने की संस्तुति दी है और शीघ्र ही मुख्यमंत्री से मिलने का समय दिलाने का आश्वासन दिया है। इस आश्वासन को विश्वास में लेते हुए धरना को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।
दरअसल, प्रदेश भर के टीईटी पास शिक्षामित्र लंबे समय से अपने भविष्य को लेकर असमंजस में हैं। मानदेय कम होने, स्थायीत्व की कमी और विभागीय असमानता को लेकर शिक्षामित्र लगातार आवाज उठा रहे हैं। समिति ने स्पष्ट किया है कि यदि आश्वासन पर अमल नहीं होता है या कोई ठोस निर्णय नहीं लिया जाता, तो वे पुनः आंदोलन की राह पर लौट सकते हैं। फिलहाल सभी की निगाहें मुख्यमंत्री की अगली प्रतिक्रिया पर टिकी हुई हैं।
शिक्षामित्रों की प्रमुख मांगें:
स्थायीकरण की प्रक्रिया शुरू की जाए।
विभागीय टीईटी का आयोजन करवाया जाए।
सम्मानजनक मानदेय दिया जाए।
अन्य शिक्षकों के समान सुविधाएं प्रदान की जाएं।
अंतर्जनपदीय महिला शिक्षामित्रों के स्थानांतरण का शेड्यूल जारी किया जाए।
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