लिंग में कैंसर: एक अनदेखा खतरा जिसकी जानकारी जरूरी है

हेल्थ डेस्क। जब भी कैंसर की बात होती है, तो आमतौर पर फेफड़ों, स्तन, या आंतों के कैंसर पर चर्चा होती है। लेकिन पुरुषों में होने वाला एक दुर्लभ और कम चर्चित कैंसर है — पेनाइल कैंसर, यानी लिंग का कैंसर। यह न सिर्फ जानलेवा हो सकता है, बल्कि व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक जीवन पर भी गहरा प्रभाव डालता है।

क्या है पेनाइल कैंसर?

पेनाइल कैंसर लिंग की त्वचा या अंदरूनी ऊतकों में होने वाला एक असामान्य कोशिका वृद्धि है। यह कैंसर दुर्लभ होता है, लेकिन अगर समय रहते इसका पता न चले तो यह गंभीर रूप ले सकता है। इस बीमारी की पहचान और इलाज में देर होने से अंग को हटाने (अंग-विच्छेदन) तक की नौबत आ सकती है।

लक्षण क्या हैं?

पेनाइल कैंसर के शुरुआती लक्षणों को अक्सर मामूली समझ कर नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है, जबकि समय पर इलाज से इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। आम लक्षणों में शामिल हैं: लिंग की त्वचा पर असामान्य गांठ, फोड़ा या घाव, लिंग से बदबूदार रिसाव या खून आना, पेशाब में तकलीफ़ या दर्द, त्वचा का रंग बदलना या मोटा होना, लिंग के आसपास सूजन या ग्रंथि में बदलाव होना। यदि ये लक्षण कुछ हफ़्तों से अधिक समय तक बने रहें, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए।

इलाज क्या है?

इलाज की प्रक्रिया लक्षणों की गंभीरता और कैंसर की स्टेज पर निर्भर करती है। शुरुआती चरण में टॉपिकल क्रीम, लेजर थेरेपी या छोटे ऑपरेशन से इलाज संभव होता है। गंभीर मामलों में कीमोथेरेपी, रेडिएशन या सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।

समाज में जागरूकता की कमी

भारत जैसे देशों में पेनाइल कैंसर को लेकर जागरूकता बेहद कम है। कई पुरुष शर्म या डर के कारण लक्षणों को छिपा लेते हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ जाती है। समय रहते जांच और इलाज न केवल जान बचा सकता है, बल्कि जीवन की गुणवत्ता भी बनाए रखता है।

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