यूपी में महिलाओं और बच्चों के लिए नई योजना लागू

लखनऊ।  उत्तर प्रदेश सरकार ने महिलाओं और बच्चों के पोषण को प्राथमिकता देते हुए एक नई और अत्यंत महत्वपूर्ण योजना की शुरुआत की है, जो जुलाई 2025 से पूरे राज्य में लागू की जाएगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य कुपोषण के खिलाफ राज्य की लड़ाई को मजबूती देना है, और इसके तहत “टेक-होम राशन” (THR) वितरण प्रणाली को पूरी तरह पारदर्शी व लक्षित बनाने के लिए अत्याधुनिक फेस रिकॉग्निशन सिस्टम (FRS) को पोषण ट्रैकर में जोड़ा गया है।

क्या है योजना का उद्देश्य?

इस योजना का मूल उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि गर्भवती महिलाएं, स्तनपान कराने वाली माताएं, किशोर लड़कियां और 6 महीने से 6 साल तक के छोटे बच्चों को सरकार की ओर से मिलने वाला पोषणयुक्त राशन सही लाभार्थी तक पहुंचे, बिना किसी बिचौलिए या गड़बड़ी के।

फेस रिकॉग्निशन सिस्टम (FRS)

एफआरएस एक दो-स्तरीय प्रमाणीकरण प्रणाली है जिसमें: चेहरे की पहचान (Face Recognition), वन टाइम पासवर्ड (OTP) सत्यापन का उपयोग किया जाता है। लाभार्थी की फोटो आधार से जुड़ी ई-केवाईसी प्रणाली से मिलाई जाती है और एक ओटीपी उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजा जाता है, जिसे आंगनवाड़ी केंद्र पर सत्यापित किया जाता है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि लाभार्थी की पहचान असली है और कोई फर्जीवाड़ा न हो।

कब और कहां हुआ पायलट प्रोजेक्ट?

इस योजना का पायलट चरण अगस्त 2024 में कानपुर नगर के बिधनू और सरसौल परियोजनाओं में शुरू किया गया था। इसके सफल परिणामों को देखते हुए इसे अब पूरे प्रदेश में लागू किया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जुलाई 2025 तक 100 प्रतिशत एफआरएस कवरेज सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

जागरूकता और पंजीकरण अभियान

राज्य सरकार द्वारा एक राज्यव्यापी जागरूकता और पंजीकरण अभियान भी चलाया जाएगा ताकि हर पात्र महिला और बच्चे को इस योजना का लाभ मिल सके। इसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और स्थानीय प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

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