आ गया भारत का एंटी-टैंक ड्रोन
भारतीय सेना ने प्राइवेट रक्षा कंपनियों के साथ मिलकर ऐसे एंटी-टैंक ड्रोन विकसित करने की दिशा में तेजी से काम शुरू किया है। इन ड्रोन में अत्याधुनिक टारगेटिंग सिस्टम और स्मार्ट हथियार प्रणालियां होंगी, जो उन्हें ‘फायर एंड फॉरगेट’ जैसा घातक हथियार बनाएंगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक ये ड्रोन इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक वातावरण में भी प्रभावी ढंग से काम करने में सक्षम होंगे, जहां आमतौर पर GPS आधारित उपकरण काम करना बंद कर देते हैं।
टैंकों के खिलाफ क्यों जरूरी है ऐसा ड्रोन?
हाल के वर्षों में टैंकों को "कोप केज" (cope cage) से लैस किया जा रहा है – यानी उनके ऊपर ऐसी संरचनाएं लगाई जा रही हैं जो ड्रोन हमलों को बेअसर कर सकें। लेकिन भारत का नया एंटी-टैंक ड्रोन इस चुनौती को पार करने के लिए तैयार होगा। ये ड्रोन ऐसे एंगल से हमला कर सकता है जहां टैंक की सुरक्षा सबसे कमजोर होती है, जैसे ऊपरी हिस्सा या इंजन सेक्शन।
TASL ALS-50 और FPV ड्रोन से एक कदम आगे
भारतीय सेना पहले ही स्वदेशी TASL ALS-50 लोइटरिंग म्यूनिशन और फर्स्ट पर्सन व्यू (FPV) ड्रोन का सीमित स्तर पर प्रयोग कर चुकी है। लेकिन इनकी एंटी-टैंक मारक क्षमता सीमित रही है। अब जरूरत ऐसे ड्रोन की है जो सिर्फ निगरानी या हल्के विस्फोटक गिराने के लिए नहीं, बल्कि टैंकों को पूरी तरह निष्क्रिय करने के लिए डिज़ाइन किए गए हों।
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