यूपी में पंचायत चुनाव से पहले निदेशालय के 2 बड़े फैसले

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की तैयारियों ने अब तेज रफ्तार पकड़ ली है। इस दिशा में पंचायती राज निदेशालय ने दो महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं, जो न केवल प्रशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़ बनाएंगे, बल्कि चुनाव प्रक्रिया को भी अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाएंगे।

1. आंशिक पुनर्गठन: 512 पंचायतें समाप्त, 11 नई गठित

पंचायती राज निदेशालय द्वारा किए गए आंशिक पुनर्गठन के तहत प्रदेश की 512 ग्राम पंचायतों को समाप्त कर दिया गया है, जबकि 11 नई पंचायतों का गठन किया गया है। यह पुनर्गठन ग्राम पंचायतों की जनसंख्या, भौगोलिक स्थिति और प्रशासनिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए किया गया है। इसका उद्देश्य अधिक प्रभावी स्थानीय शासन व्यवस्था सुनिश्चित करना और जनहित में सेवाओं की बेहतर उपलब्धता प्रदान करना है।

2. वार्ड निर्धारण के लिए डेटा संग्रहण

पंचायत चुनावों की अगली महत्वपूर्ण कड़ी है—ग्राम पंचायतों के वार्डों का निर्धारण। इसके लिए पंचायती राज निदेशालय ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे 20 जून 2025 तक जनगणना 2011 के आधार पर प्रत्येक पंचायत की जनसंख्या संबंधी डेटा उपलब्ध कराएं। यही डेटा वार्डों की संख्या और सीमा निर्धारण की बुनियाद बनेगा।

आगे की प्रक्रिया

वार्डों का निर्धारण: प्राप्त जनसंख्या डेटा के आधार पर यह तय किया जाएगा कि किस ग्राम पंचायत में कितने वार्ड होंगे। यह प्रक्रिया संतुलन और समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की जाएगी।

मतदाता सूची का निर्माण: वार्ड निर्धारण के बाद निर्वाचन आयोग मतदाता सूची तैयार करेगा, जिसमें सभी पात्र मतदाताओं को शामिल किया जाएगा।

आरक्षण निर्धारण: अंतिम चरण में आरक्षण की प्रक्रिया होगी। विभिन्न वर्गों (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और महिलाएं) के लिए वार्डों का आरक्षण तय किया जाएगा, जिससे सामाजिक न्याय और समावेशिता सुनिश्चित हो सके।

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