यह विकास भारत की ‘आत्मनिर्भर भारत’ नीति के तहत स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। DRDO अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने हाल ही में जानकारी दी कि गाइडेड पिनाका रॉकेट के परीक्षण सफल रहे हैं और अब 120 किमी रेंज वाला पिनाका-3 और 300 किमी रेंज वाला पिनाका-4 उत्पादन चरण में प्रवेश कर चुके हैं।
सेना में होगा शामिल
यह प्रणाली अगले 3 से 5 वर्षों में भारतीय सेना के तोपखाना रेजीमेंट का हिस्सा बनेगी। वर्ष 2030 तक 22 पिनाका रेजीमेंट तैनात करने की योजना है, जो युद्धक्षेत्र में तीव्र प्रतिक्रिया और अधिक मारक क्षमता सुनिश्चित करेगी। इससे भारत की ताकत में बढ़ोतरी होगी।
प्रमुख विशेषताएँ:
रेंज: 40 किमी से लेकर 300 किमी तक (पिनाका-4)
फायरिंग क्षमता: एक साथ 12 रॉकेट, केवल 44 सेकंड में
सटीकता: इनर्शियल नेविगेशन और GPS आधारित मार्गदर्शन प्रणाली
तैनाती: “Shoot-and-Scoot” तकनीक – फायरिंग के तुरंत बाद लोकेशन बदलने की क्षमता
ऑपरेशन मोड: यह फायर कंट्रोल कंप्यूटर, मैनुअल और स्वचालित दोनों विकल्प में मौजूद।
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