यूपी में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना अब हुआ आसान

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया अब पहले से कहीं अधिक सरल, पारदर्शी और परेशानी रहित हो गई है। परिवहन विभाग द्वारा 1 जनवरी 2025 से 10 जून 2025 के बीच किए गए गहन विश्लेषण से स्पष्ट हुआ है कि राज्य सरकार के "पेपरलेस, फेसलेस और कैशलेस" अभियान के सकारात्मक नतीजे सामने आने लगे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यह सुधारात्मक पहल लगातार गति पकड़ रही है।

90% जिलों में पेंडेंसी दर 0.5% से भी कम

रिपोर्ट में यह उल्लेख किया गया है कि लगभग 90 प्रतिशत से अधिक जिलों में ड्राइविंग लाइसेंस आवेदनों की पेंडेंसी दर 0.5% से कम रही है, जो कि विभागीय निगरानी, डिजिटल प्रक्रियाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और जन-जागरूकता अभियानों का परिणाम है।

लाइसेंस प्रक्रिया और तेज़

परिवहन आयुक्त बृजेश नारायण सिंह ने कहा कि विभाग के निरंतर प्रयासों से ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया अब पहले से कहीं अधिक सरल, तेज़ और पारदर्शी हो चुकी है। उन्होंने बताया कि सभी जिलों को यह स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि लंबित मामलों का अनुमोदन 7 दिनों के भीतर अनिवार्य रूप से किया जाए।

आगे की दिशा

परिवहन विभाग ने यह भी बताया कि आने वाले समय में जन सेवा केंद्र (CSCs) और सारथी पोर्टल के माध्यम से प्रदेश भर में आवेदन और अनुमोदन प्रक्रिया को और अधिक प्रभावशाली बनाया जाएगा। इसके साथ ही, जिलों की नियमित समीक्षा की जाएगी ताकि सभी स्तरों पर सेवा की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।

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