क्या है रैमजेट गोला-बारूद?
रैमजेट (Ramjet) एक प्रकार की एअर-ब्रीदिंग (air-breathing) तकनीक है, जो ईंधन के साथ बाहरी वातावरण की ऑक्सीजन का इस्तेमाल करके अत्यधिक गति उत्पन्न करती है। इसका मतलब है कि प्रक्षेप्य में किसी भारी ऑक्सीजन कैरियर की ज़रूरत नहीं होती, जिससे वह हल्का और तेज़ बनता है।
रैमजेट गोले की विशेषताएँ:
1 .लंबी रेंज: पारंपरिक 155 मिमी गोला-बारूद की सीमा जहाँ 20-40 किमी होती है, वहीं यह रैमजेट गोला 60-80 किमी की दूरी तक मार कर सकता है। यह दुश्मन की तोपों की पहुँच से बाहर रहकर उन्हें नष्ट करने की क्षमता देता है।
2 .अधिक गति और घातकता: रैमजेट गोला उच्च गति से चलता है, जिससे यह लक्ष्य पर तेज़ी से पहुँचकर अधिक नुकसान पहुंचाता है। इसकी विस्फोटक क्षमता पारंपरिक गोले से लगभग दोगुनी है।
3 .सटीकता और दक्षता: इसमें बेहतर मार्गदर्शन प्रणाली (guidance system) शामिल की जा सकती है, जिससे यह प्रक्षेप्य अधिक सटीक तरीके से निशाना बनाता है।
4 .हल्कापन: चूंकि इसमें ऑक्सीजन की आवश्यकता बाहरी वातावरण से पूरी होती है, इसका वजन पारंपरिक गोलों से कम होता है, जो इसे दूर तक पहुँचने में मदद करता है।
स्वदेशी विकास और आत्मनिर्भरता
भारत में इस तकनीक का विकास रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और निजी क्षेत्र की कंपनियों के सहयोग से किया जा रहा है। यह परियोजना भारत को उन गिने-चुने देशों की श्रेणी में लाती है, जो उन्नत रैमजेट तकनीक से युक्त तोपखाने गोला-बारूद का निर्माण कर सकते हैं।
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