यूपी बिजली विभाग का एक्शन: लगेगा भारी जुर्माना!

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बिजली व्यवस्था को पारदर्शी और उपभोक्ता हितैषी बनाने के लिए उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन ने सख्त कदम उठाने की तैयारी कर ली है। खासकर उन अपार्टमेंट्स, रजिस्टरड हाउसिंग सोसाइटीज़ और टाउनशिप्स को लेकर जहां 50 किलोवॉट से अधिक का बिजली भार अनुमन्य है। अब इन स्थानों पर बिजली खर्च का विस्तृत ब्योरा सभी उपभोक्ताओं को देना अनिवार्य कर दिया गया है।

क्या है नया नियम?

उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने नियामक आयोग को एक मसौदा सौंपा है, जिसमें सिंगल पॉइंट कनेक्शन के अंतर्गत आने वाले अपार्टमेंट, सोसाइटी और टाउनशिप्स में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए कई प्रावधान सुझाए गए हैं। 

इन प्रावधानों के अनुसार: सभी उपभोक्ताओं को हर महीने बिजली खर्च का ब्योरा ईमेल, व्हाट्सएप या किसी अन्य डिजिटल माध्यम से देना होगा। बिजली बिल में यूनिट खपत और दर की स्पष्ट जानकारी देना अनिवार्य होगा। हर छमाही में विस्तृत रिपोर्ट बिजली वितरण कंपनियों को देनी होगी। वित्तीय वर्ष की समाप्ति के तीन महीने के भीतर बिजली खर्च का ऑडिट करवाकर उपभोक्ताओं को रिपोर्ट देना होगा।

डेवलपर और आरडब्ल्यूए पर बनेगा दबाव

अगर डेवलपर या रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) इन नियमों का पालन नहीं करते हैं तो उन पर भारी जुर्माना लगेगा। पावर कॉरपोरेशन की ओर से प्रस्तावित दंडात्मक व्यवस्था इस प्रकार है: पहली बार नियम उल्लंघन पर ₹5000 जुर्माना, दूसरी बार ₹10000 और तीसरी बार ₹15000, अगर दो साल के भीतर तीन बार जुर्माना लगता है, तो उस सोसाइटी या टाउनशिप का सिंगल पॉइंट कनेक्शन समाप्त कर मल्टिपल पॉइंट कनेक्शन दे दिया जाएगा। यानी अब उपभोक्ता सीधे बिजली कंपनी से बिल प्राप्त करेंगे।

डीम्ड फ्रेंचाइजी की मान्यता

इन आरडब्ल्यूए और डेवलपर्स को "डीम्ड फ्रेंचाइजी" का दर्जा दिया जाएगा, यानी उन्हें बिजली वितरण एजेंसी के समान जिम्मेदारी निभानी होगी। साथ ही, 50 किलोवॉट से ऊपर के कनेक्शन में 70% बिजली का उपयोग घरेलू प्रयोजन के लिए होना अनिवार्य होगा। हालांकि, मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस (MES) को इस नियम से छूट दी गई है।

नए चार्ज क्या होंगे?

फिक्स चार्ज: ₹190 प्रति किलोवॉट प्रति माह

एनर्जी चार्ज: ₹9 प्रति यूनिट

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