लेजर हथियार से लैस हैं ये 5 देश: भारत भी शामिल!

नई दिल्ली। 21वीं सदी की युद्ध रणनीति अब केवल गोलियों और मिसाइलों तक सीमित नहीं रह गई है। विज्ञान और तकनीक के विकास के साथ अब युद्ध के मैदान में 'लेजर हथियार' एक क्रांतिकारी बदलाव लेकर आ रहे हैं। लेजर हथियारों की खासियत यह है कि ये प्रकाश किरणों (laser beams) का उपयोग कर शत्रु के विमानों, ड्रोन, मिसाइलों और अन्य उपकरणों को बेहद सटीकता और तेज़ी से नष्ट कर सकते हैं।

1. अमेरिका

अमेरिका लेजर हथियार तकनीक में सबसे आगे है। अमेरिकी नौसेना ने अपने जहाजों पर लेजर सिस्टम 'LaWS' (Laser Weapon System) तैनात कर दिया है, जो ड्रोन और छोटी नौकाओं को सेकंडों में नष्ट कर सकता है। इसके अलावा अमेरिकी सेना 'Iron Beam' जैसे डिफेंस सिस्टम्स पर भी काम कर रही है।

2. चीन

चीन ने भी लेजर हथियारों पर तेज़ी से काम किया है। 'Silent Hunter' नामक उसका लेजर सिस्टम 4 किलोमीटर दूर तक लक्ष्य भेदने की क्षमता रखता है। चीन इस तकनीक को न सिर्फ सैन्य उपयोग के लिए, बल्कि सुरक्षा बलों और भीड़ नियंत्रण में भी इस्तेमाल कर रहा है।

3. रूस

रूस ने 'Peresvet' नामक लेजर हथियार प्रणाली विकसित की है, जिसे वह अपनी अंतरिक्ष और हवाई रक्षा में प्रयोग कर रहा है। यह प्रणाली दुश्मन के उपग्रहों और मिसाइलों को लक्ष्य बना सकती है। हालांकि रूस अपनी तकनीकों के बारे में सीमित जानकारी ही सार्वजनिक करता है।

4. इज़राइल

इज़राइल का 'Iron Beam' लेजर डिफेंस सिस्टम काफी चर्चा में है। यह कम दूरी से आने वाली मिसाइलों, मोर्टार और ड्रोन को बिजली की गति से ट्रैक कर नष्ट कर सकता है। इसे इज़राइली रक्षा प्रणाली 'Iron Dome' का पूरक माना जा रहा है।

5. भारत

भारत ने भी लेजर हथियारों के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने कई लेजर आधारित सिस्टम्स का परीक्षण किया है। इसके अलावा भारत लेजर तकनीक को ड्रोन विरोधी प्रणालियों में भी विकसित कर रहा है।

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