बिहार में क्लर्क की बंपर भर्ती: 8000 से ज्यादा पदों पर

पटना। बिहार सरकार ने पंचायती राज व्यवस्था को और अधिक सशक्त और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से राज्य के सभी पंचायतों में 8053 लिपिकों (निम्नवर्गीय क्लर्क) की भर्ती का फैसला लिया है। इस बहाली का मकसद पंचायत स्तर पर योजनाओं के समुचित क्रियान्वयन, अभिलेखन और प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।

पंचायतों में विकास कार्यों की निगरानी होगी मजबूत

पंचायती राज विभाग की ओर से जारी संकल्प के अनुसार, यह बहाली पंचायत सरकार भवन, सामुदायिक भवन, स्ट्रीट लाइट योजना, योजनाओं का अभिलेखन तथा निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के प्रशिक्षण आदि कार्यों के समुचित संचालन के लिए की जा रही है। राज्य मंत्रिपरिषद की 10 जून 2025 को हुई बैठक में इस भर्ती को मंजूरी दी गई। हर पंचायत में एक क्लर्क की तैनाती की जाएगी, जिससे प्रत्येक पंचायत में प्रशासनिक सहूलियत सुनिश्चित हो सके।

राज्य पर पड़ेगा सालाना 3 अरब रुपये से अधिक का भार

एक लिपिक पर प्रतिमाह ₹32,442 का व्यय अनुमानित है। इस प्रकार राज्य सरकार पर सालाना 3 अरब रुपये से अधिक का वित्तीय भार आएगा, लेकिन इसके बदले पंचायतों के कार्य निष्पादन और निगरानी में भारी सुधार आने की संभावना है।

बिहार में जिलेवार नियुक्तियों की संख्या इस प्रकार है:

पूर्वी चंपारण: 396, मुजफ्फरपुर: 373, मधुबनी: 386, समस्तीपुर: 346, गया: 320, सारण: 318, पटना: 309, दरभंगा: 308, पश्चिम चंपारण: 303, सिवान: 283, वैशाली: 278, सीतामढ़ी: 258, भागलपुर: 238, कटिहार: 231, गोपालगंज: 230, नालंदा: 230, पूर्णिया: 230, भोजपुर: 226, बेगूसराय: 217, अररिया: 211, औरंगाबाद: 202, बांका: 182, नवादा: 182, सुपौल: 174, मधेपुरा: 160, जमुई: 152, कैमूर: 146, बक्सर: 136, सहरसा: 135, किशनगंज: 125, खगड़िया: 113, मुंगेर: 96, जहानाबाद: 88, लखीसराय: 76, अरवल: 64, शिवहर: 53.शेखपुरा: 49, 

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