भारत ने तैनात किया 'एनर्जी वेपन', दुश्मनों में मची खलबली!

नई दिल्ली। भारत ने सीमावर्ती सुरक्षा को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाते हुए नियंत्रण रेखा (LoC) पर अत्याधुनिक 'डायरेक्ट एनर्जी वेपन' (DEW) सिस्टम तैनात किया है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब पाकिस्तान की ओर से झुंड वाले ड्रोन के जरिए नागरिक और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाए जाने की आशंका बढ़ रही है। यह स्वदेशी तकनीक अब भारतीय सेना के लिए एक नई "अदृश्य ढाल" बनकर सामने आई है।

क्या है डायरेक्ट एनर्जी वेपन (DEW)?

यह सिस्टम केंद्रित विद्युत चुम्बकीय ऊर्जा के जरिए काम करता है, जो सामने से आ रहे छोटे या मध्यम आकार के ड्रोन को हवा में ही निष्क्रिय कर देता है। इस हथियार को भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने विकसित किया है और यह फिलहाल 4 किलोवाट की क्षमता वाला संस्करण है। DEW को मोबाइल प्लेटफॉर्म पर लगाया गया है, जिससे इसे तेजी से स्थानांतरित किया जा सकता है। यह प्रणाली उन ड्रोनों को भी नष्ट कर सकती है जो विस्फोटक सामग्री से लैस होते हैं या निगरानी के उद्देश्य से भेजे जाते हैं।

LoC पर बदल गया सुरक्षा का स्वरूप

IDRW (Indian Defence Research Wing) की रिपोर्ट के अनुसार, यह DEW सिस्टम पाकिस्तान से आने वाले Swarm drones के खतरों को रोकने के लिए तैयार किया गया है। अब, जब पाकिस्तान की तरफ से एक साथ कई ड्रोनों को भेजने की कोशिश की जाएगी, तो यह एनर्जी वेपन एक-एक कर उन्हें हवा में ही मार गिराएगा।

एनर्जी वेपन: कम खर्च में ज़्यादा असर

एक बड़ी बात जो इस तकनीक को खास बनाती है, वह है इसकी लागत प्रभाविता। जहां एक पारंपरिक मिसाइल सिस्टम हर बार एक मिसाइल दागने पर लाखों रुपये खर्च करता है, वहीं DEW एक ही प्लेटफॉर्म से कई बार हमले कर सकता है—वो भी बिना किसी मिसाइल या गोला-बारूद के। यह हथियार विशेष रूप से शॉर्ट रेंज में बेहद प्रभावी है, और इसका इस्तेमाल बड़े हमलों की बजाय छोटे लेकिन बार-बार हो रहे ड्रोन हमलों के खिलाफ किया जाएगा।

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