सत्यापन में हुआ बड़ा खुलासा
महिला कल्याण विभाग द्वारा प्रदेशभर में डोर-टू-डोर सर्वे कर सत्यापन अभियान चलाया गया। इस जांच में पाया गया कि: कई महिलाओं ने पति की मृत्यु के बाद दोबारा विवाह कर लिया, जिससे वे योजना की पात्रता खो बैठी थीं।कुछ लाभार्थी मृत घोषित हो चुकी थीं, लेकिन उनके नाम पर पेंशन अब तक जा रही थी।
वहीं, कई मामलों में दस्तावेजों में गंभीर गड़बड़ियां पाई गईं हैं। इन सभी कारणों से 40 हजार महिलाओं को योजना से बाहर कर दिया गया, जिससे अब प्रदेश में विधवा पेंशन पाने वाली महिलाओं की संख्या 35.40 लाख से घटकर 34.90 लाख हो गई है।
पात्रता की शर्तें और राशि
विधवा पेंशन योजना का लाभ केवल उन्हीं महिलाओं को मिल सकता है जो: पति की मृत्यु के बाद अविवाहित हैं, आर्थिक रूप से निर्बल हैं और जिनकी आय सरकारी तय सीमा से कम है। उन्हें ₹1,000 प्रति माह की पेंशन दी जाती है, जो हर तीन महीने में ₹3,000 की किस्त के रूप में बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर की जाती है।
अब क्या होगा आगे?
महिला कल्याण विभाग की निदेशक संदीप कौर के अनुसार: सत्यापन पूरा हो चुका है। अपात्रों को हटाकर नई पात्रता सूची तैयार की जा रही है। अप्रैल, मई और जून 2025 की पेंशन राशि इसी महीने पात्र लाभार्थियों के खातों में भेजी जाएगी। भविष्य में किसी भी गड़बड़ी से बचने के लिए कड़ी निगरानी और ई-ट्रैकिंग सिस्टम को मजबूत किया जा रहा है।
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