क्या है 'ध्वनि'?
'ध्वनि' भारत का स्वदेशी हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल है, जो रक्षा क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम है। DRDO ने इसकी पुष्टि की है कि यह सिस्टम वर्ष 2029-30 तक पूरी तरह से विकसित होकर भारतीय सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए तैयार होगा। इसका नाम 'ध्वनि' प्रतीक है उस अदृश्य गूंज का, जो दुश्मन को सुनाई देने से पहले ही तबाही मचा देगी।
DRDO की प्रदर्शनी में ‘ध्वनि’ का मॉडल
फरवरी 2025 में हैदराबाद के गाचीबोवली स्टेडियम में आयोजित ‘विज्ञान वैभव’ प्रदर्शनी में DRDO ने पहली बार ‘ध्वनि’ के मॉडल को जनता के सामने पेश किया। 9 मीटर लंबा और 2.5 मीटर चौड़ा यह ग्लाइड व्हीकल न केवल अपने आकार में विशाल है, बल्कि तकनीकी दृष्टि से बेहद उन्नत भी है।
HGV तकनीक: भविष्य का युद्ध हथियार
हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल्स (HGVs) अत्यधिक गति से चलने वाले हथियार होते हैं जिन्हें रॉकेट की सहायता से पृथ्वी के ऊपरी वायुमंडल तक ले जाया जाता है। वहां से ये बिना इंजन के ही लक्ष्य की ओर ग्लाइड करते हैं। इनकी गति ध्वनि की गति से पांच गुना (Mach 5) या उससे अधिक होती है, जिससे इन्हें ट्रैक करना और रोकना लगभग असंभव हो जाता है।
'ध्वनि' की खासियतें जो इसे बना रही हैं बेहद खतरनाक
1 .स्टील्थ डिजाइन: इसकी खास स्टील्थ ऑप्टिमाइज्ड ज्योमेट्री इसे रडार की पकड़ से लगभग अदृश्य बना देती है।
2 .मल्टी-रोल क्षमता: यह हथियार पारंपरिक और परमाणु दोनों प्रकार के हथियार ले जाने में सक्षम हो सकता है।
3 .रिएक्शन कंट्रोल सिस्टम (RCS): उड़ान के दौरान अपने मार्ग को सटीक रूप से एडजस्ट करने की क्षमता रखता है, जिससे इसका निशाना चूकना लगभग नामुमकिन हो जाता है।
4 .UHTCC हीट प्रोटेक्शन सिस्टम: ‘ध्वनि’ 2000°C से 3000°C तक के अत्यधिक तापमान को झेल सकती है, जो र-entry के दौरान इसकी रक्षा करता है।
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