यूपी में 'ग्राम प्रधानों' का कार्यकाल कब हो रहा खत्म?

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां अब धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रही हैं। राज्य में मौजूदा ग्राम प्रधानों और पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल 2026 में समाप्त हो रहा है और इसके साथ ही नई पंचायत सरकारों के गठन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। ऐसे में चुनाव आयोग और पंचायती राज विभाग ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है, जिससे समय पर और निष्पक्ष चुनाव कराए जा सकें।

ग्राम प्रधानों और पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल कब खत्म होगा?

उत्तर प्रदेश में वर्तमान में करीब 57,691 ग्राम प्रधान, पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, 826 ब्लॉक प्रमुख, 3,200 जिला पंचायत सदस्य और 75 जिला पंचायत अध्यक्ष कार्यरत हैं। इनका कार्यकाल निम्नलिखित तारीखों को समाप्त हो रहा है:

ग्राम पंचायतों का कार्यकाल – 26 मई 2026

क्षेत्र पंचायतों का कार्यकाल – 19 जुलाई 2026

जिला पंचायतों का कार्यकाल – 11 जुलाई 2026

इसका सीधा मतलब है कि पंचायत चुनाव अप्रैल-मई 2026 में कराए जाने की संभावना है ताकि नई पंचायतें समय से पहले अस्तित्व में आ सकें और प्रशासनिक कार्यों में कोई बाधा न आए।

अधिसूचना और तैयारियों की समय-सीमा

राज्य निर्वाचन आयोग की योजना है कि 2026 की शुरुआत में, विशेषकर फरवरी के दूसरे या तीसरे सप्ताह में, पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी की जाए। इससे पहले चुनाव आयोग को मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण कराना होगा, जिसमें लगभग छह महीने का समय लग सकता है। यह प्रक्रिया जुलाई 2025 तक शुरू की जा सकती है, जिससे दिसंबर 2025 तक यह कार्य पूर्ण हो।

सीमा विस्तार पर अस्थायी रोक

चुनावों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने नगर निकायों (नगर पंचायत, नगर पालिका परिषद और नगर निगम) के सृजन और सीमा विस्तार पर रोक लगा दी है। पंचायती राज विभाग के प्रमुख सचिव अनिल कुमार द्वारा नगर विकास विभाग को इस संबंध में एक आधिकारिक पत्र भेजा गया है। इसका उद्देश्य यह है कि पंचायत क्षेत्रों की सीमाएं चुनाव प्रक्रिया से पहले स्थिर रहें ताकि परिसीमन या अन्य प्रशासनिक बदलावों के कारण चुनाव में कोई बाधा उत्पन्न न हो।

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