तहसीलदार का कार्यक्षेत्र और शक्तियाँ
तहसीलदार को उनकी तहसील (एक उप-जिला इकाई) के लिए Executive Magistrate माना जाता है। उनकी मुख्य ज़िम्मेदारियों में शामिल हैं:
राजस्व संग्रह (Revenue Collection): तहसीलदार भूमि कर और अन्य सरकारी शुल्कों की वसूली के लिए जिम्मेदार होते हैं।
भूमि रिकॉर्ड का रख-रखाव: भूमि संबंधी विवादों का निपटारा और रिकॉर्ड को अद्यतन बनाए रखना उनकी प्रमुख भूमिका होती है।
कानून और व्यवस्था बनाए रखना: तहसील स्तर पर कानून-व्यवस्था की स्थिति पर नजर रखना और आवश्यकतानुसार कदम उठाना तहसीलदार की जिम्मेदारी होती है।
निरीक्षण और निगरानी: तहसीलदार अपने अधीनस्थ लेखपाल, कानूनगो और पटवारियों के कार्य की निगरानी करते हैं तथा उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश भी देते हैं।
तहसीलदार की सैलरी और भत्ते
तहसीलदार उत्तर प्रदेश सरकार में फर्स्ट कैटेगरी के गजेटेड ऑफिसर माने जाते हैं। उनकी वेतन संरचना निम्नानुसार होती है: पे स्केल: ₹9,300 - ₹34,800, ग्रेड पे: ₹4,200, लेवल: 11 मैट्रिक्स के तहत, प्रारंभिक सैलरी: ₹35,500 से ₹42,500 प्रतिमाह (लगभग)
भत्ते: महंगाई भत्ता (DA), यात्रा भत्ता (TA), आवास भत्ता (HRA), चिकित्सा भत्ता, सरकारी वाहन सुविधा (कुछ मामलों में), इन सभी को मिलाकर तहसीलदार की कुल मासिक आय ₹50,000 से ₹65,000 के बीच हो सकती है, जो अनुभव और स्थान के अनुसार बदल सकती है।
कैसे बनें तहसीलदार?
तहसीलदार बनने के लिए उम्मीदवार को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) द्वारा आयोजित PCS परीक्षा (Provincial Civil Services) उत्तीर्ण करनी होती है। इस परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण के बाद राजस्व विभाग में नियुक्त किया जाता है।
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