तेजस: युवा लेकिन परिपक्व योद्धा
तेजस, जो कि हल्का लड़ाकू विमान (LCA) है, भारतीय वायुसेना में शामिल हो चुका है और अपनी दक्षता साबित कर चुका है। एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) और हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा विकसित इस विमान ने 2001 में अपनी पहली उड़ान भरी थी। वर्षों की तकनीकी चुनौतियों और सुधारों के बाद, तेजस अब एक पूर्णत: मिशन-रेडी प्लेटफॉर्म बन चुका है।
तेजस न केवल हल्का और तेज़ है, बल्कि इसमें आधुनिक एवियोनिक्स, मल्टी-रोल क्षमताएं और उन्नत हथियार प्रणालियाँ भी हैं। यह पूरी तरह से स्वदेशी डिजाइन पर आधारित है, जिसमें 75% से अधिक भारतीय घटक हैं। इसके उन्नत संस्करण — तेजस Mk-1A और आने वाला तेजस Mk-2 — भारत की रक्षा क्षमता को और सशक्त बनाएंगे।
AMCA: भारत का अगला स्टील्थ योद्धा
तेजस की सफलता के बाद भारत अब अगली पीढ़ी के स्टील्थ लड़ाकू विमान AMCA के विकास में जुटा है। यह 5वीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान होगा, जिसे स्टील्थ तकनीक, सुपरसोनिक क्रूज, और अत्याधुनिक सेंसर फ्यूज़न के साथ डिज़ाइन किया जा रहा है। यह विमान न केवल भारत को रक्षा क्षेत्र में वैश्विक ताकतों की पंक्ति में खड़ा करेगा, बल्कि भविष्य के युद्धों में निर्णायक भूमिका निभाएगा।
बता दें की AMCA परियोजना को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO), ADA और HAL मिलकर विकसित कर रहे हैं। इसका पहला प्रोटोटाइप वर्ष 2028 तक उड़ान भर सकता है और 2030 के दशक की शुरुआत में सेवा में आने की उम्मीद है।
आत्मनिर्भरता की ओर मजबूत कदम
भारत दशकों से विदेशी लड़ाकू विमानों पर निर्भर रहा है — मिग, सुखोई, मिराज, राफेल जैसे नाम भारतीय वायुसेना के परिचित चेहरे रहे हैं। लेकिन तेजस और AMCA जैसे स्वदेशी विमान न केवल इस निर्भरता को कम कर रहे हैं, बल्कि घरेलू रक्षा उद्योग को भी नया जीवन दे रहे हैं। इसके साथ ही, भारत अब रक्षा निर्यात के क्षेत्र में भी तेजी से उभर रहा है।
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