यूपी सरकार ने शिक्षामित्रों को दी बड़ी सौगात, तुरंत पढ़ें

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने शिक्षामित्रों को एक बड़ी सौगात दी है। वर्षों से लंबित मांग को स्वीकार करते हुए सरकार ने शिक्षामित्रों को उनके मूल विद्यालय में वापसी का रास्ता साफ कर दिया है। इस फैसले से प्रदेश के करीब 1.43 लाख शिक्षामित्रों को सीधी राहत मिलेगी।

बता दें की इस निर्णय के लागू होने के बाद वे शिक्षामित्र जो समायोजन के दौरान अपने गांव या ग्राम सभा से दूर, दूसरे ब्लॉकों में 80 से 100 किलोमीटर तक भेज दिए गए थे, अब अपने ग्राम पंचायत या उसके पास के प्राथमिक विद्यालयों में स्थानांतरित होकर कार्य कर सकेंगे।

शिक्षामित्रों की वर्षों पुरानी मांग हुई पूरी

शिक्षामित्र लंबे समय से यह मांग कर रहे थे कि उन्हें उनके मूल या नजदीकी विद्यालयों में पुनः तैनात किया जाए। अब जाकर उनकी यह मांग पूरी हुई है। इससे न सिर्फ उन्हें मानसिक और पारिवारिक राहत मिलेगी, बल्कि आर्थिक रूप से भी बड़ा फायदा होगा।

अब तक दूर के विद्यालयों में ड्यूटी करने के लिए उन्हें रोज लंबा सफर तय करना पड़ता था या फिर विद्यालय के पास किराए पर रहना पड़ता था, जिससे उनका एक बड़ा हिस्सा यात्रा और आवास पर खर्च हो जाता था। इस फैसले से यह बोझ भी कम होगा।

महिला शिक्षामित्रों को विशेष लाभ

दरअसल योगी सरकार के इस फैसले से सबसे ज्यादा राहत महिला शिक्षामित्रों को मिलेगी। वे अब अपने घर या ससुराल के पास कार्य कर सकेंगी, जिससे उन्हें पारिवारिक ज़िम्मेदारियों के साथ-साथ नौकरी को संतुलित करने में सहूलियत होगी।

शासनादेश और प्रक्रिया

राज्य सरकार ने तीन जनवरी 2025 को इस संबंध में शासनादेश जारी किया था। इसके तहत स्कूल शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने इसका विस्तृत कार्यक्रम तैयार करने और लागू करने के लिए शासन से अनुमति मांगी थी। अब सरकार ने प्रथम चरण में शिक्षामित्रों के स्थानांतरण-समायोजन की अनुमति दे दी है।

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