8वें वेतन आयोग: 2026 नहीं सैलरी 2027 में बढ़ने के आसार!

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। लंबे समय से उम्मीद की जा रही थी कि आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होंगी और उसी के अनुसार वेतन में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। लेकिन अब हालात कुछ और ही तस्वीर पेश कर रहे हैं। संकेत मिल रहे हैं कि आयोग के गठन और उसकी रिपोर्ट के कार्यान्वयन में देरी हो सकती है, जिससे सैलरी रिवीजन 2027 तक टल सकता है।

आयोग के गठन में हो रही देरी

8वें वेतन आयोग के गठन में देरी की मुख्य वजह है TOR यानी 'टर्म्स ऑफ रेफरेंस' का अब तक फाइनल न हो पाना। TOR वह आधारभूत दस्तावेज होता है जो आयोग के कार्यक्षेत्र, दिशा और समयसीमा को परिभाषित करता है। जब तक सरकार TOR को अंतिम रूप नहीं देती, तब तक आयोग न तो बन सकता है और न ही काम शुरू कर सकता है।

कब बनेगा आयोग?

संभावित गठन: 2025 के अंत तक

रिपोर्ट तैयार करने की अवधि: 15 महीने

रिपोर्ट सौंपने की अनुमानित तारीख: मार्च–अप्रैल 2027

इसका मतलब यह हुआ कि कर्मचारियों को बढ़ी हुई सैलरी का लाभ 2027 की पहली छमाही से पहले मिलना मुश्किल है।

क्या लागू होगा 1 जनवरी 2026 से?

हालांकि देरी की आशंका है, लेकिन उम्मीद है कि सिफारिशों को 1 जनवरी 2026 से प्रभावी माना जा सकता है, जैसा कि पहले भी देखा गया है। यदि ऐसा होता है, तो कर्मचारियों को 2026 की पूरी अवधि का एरियर (Arrears) एकमुश्त मिल सकता है। यह एक राहत की बात है, बशर्ते सरकार इसे मंजूरी दे।

Fitment Factor पर झटका

7वें वेतन आयोग में Fitment Factor 2.57 गुना था। कर्मचारी संगठन लंबे समय से इसे 3.68 करने की मांग कर रहे हैं, जिससे वेतन में उल्लेखनीय वृद्धि हो सके। लेकिन कई मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 8वें वेतन आयोग में यह सिर्फ 1.92 गुना रहने की संभावना है। यदि ऐसा हुआ, तो वेतन में अपेक्षित बढ़ोतरी नहीं हो पाएगी और कर्मचारियों को बड़ा झटका लग सकता है।

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