यह सुविधा किसानों को बेवजह तहसील कार्यालयों के चक्कर लगाने से बचाएगी और भूमि अभिलेखों में पारदर्शिता भी सुनिश्चित करेगी। यदि आपके खतौनी में कोई त्रुटि है, तो आज ही इस पोर्टल का लाभ उठाएं और बिना भाग-दौड़ के सुधार करवाएं।
नई व्यवस्था के मुख्य बिंदु
1. ऑनलाइन आवेदन की सुविधा
किसान अब अपने मोबाइल या कंप्यूटर से bor.up.nic.in पर जाकर "खतौनी अंश सुधार पोर्टल" के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन करते समय जरूरी दस्तावेज और विवरण पोर्टल पर अपलोड किए जाएंगे।
2. लेखपाल करेंगे जांच
ऑनलाइन आवेदन दर्ज होने के बाद संबंधित लेखपाल त्रुटि का संज्ञान लेकर पोर्टल पर उसकी एंट्री करेंगे। इसके बाद वे स्थलीय निरीक्षण (Field Inspection) तथा अभिलेखीय जांच (Document Verification) करेंगे कि जो त्रुटि बताई गई है, वह वास्तव में मौजूद है या नहीं।
3. सह-खातेदारों की सहमति जरूरी
यदि खतौनी में कई हिस्सेदार (co-tenants) हैं, तो लेखपाल सभी सह-खातेदारों की सहमति लेंगे। इसके लिए उन्हें सहमति प्रपत्र (Consent Form) पर हस्ताक्षर या अंगूठा निशान लेने होंगे, ताकि भविष्य में कोई विवाद न हो।
4. राजस्व निरीक्षक और तहसीलदार की पुष्टि
लेखपाल की जांच रिपोर्ट के बाद मामला राजस्व निरीक्षक (RI) के पास जाएगा, जो रिपोर्ट की पुष्टि करेगा। अंतिम स्वीकृति तहसीलदार द्वारा दी जाएगी। इसके बाद खतौनी में अंश का संशोधन कर दिया जाएगा और नया अभिलेख पोर्टल पर उपलब्ध हो जाएगा।
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