यूपी पंचायत चुनाव: वार्डों का भी होगा परिसीमन

बरेली, उत्तर प्रदेश – यूपी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव-2026 की तैयारियों ने अब तेजी पकड़ ली है। इसके तहत सबसे पहला और महत्वपूर्ण कदम वार्ड परिसीमन का होगा, जिसकी प्रक्रिया बरेली जिले में तेज कर दी गई है। इस बार परिसीमन के कारण न केवल पंचायत क्षेत्रों की भौगोलिक संरचना में बदलाव देखने को मिलेगा, बल्कि बीडीसी (क्षेत्र पंचायत सदस्य) और ग्राम पंचायत सदस्यों की संख्या में भी उल्लेखनीय परिवर्तन आएगा।

शहरीकरण के चलते पांच ग्राम पंचायतें बाहर

2023 में हुए नगर निकाय चुनावों के दौरान बरेली जिले की पांच ग्राम पंचायतें शहरी सीमा में शामिल कर दी गई थीं, जिनमें नवाबगंज की याकूबपुरा और बहोरनगला, मझगवां ब्लॉक की नगरिया सतन, आबादानपुर और बेहटा जूनू शामिल हैं। इनका अब ग्राम पंचायत चुनावों में हिस्सा नहीं होगा। परिणामस्वरूप, वर्ष 2026 में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में इन पांच ग्राम पंचायतों में चुनाव नहीं कराया जाएगा।

ग्राम पंचायतों की संख्या में गिरावट

पिछले पंचायत चुनाव में जिले में 1193 ग्राम पंचायतों में चुनाव संपन्न हुए थे। अब यह संख्या घटकर 1188 रह गई है। यानी कुल पांच ग्राम पंचायतों की संख्या में कमी दर्ज की गई है, जिससे पंचायत सदस्य पदों में भी कटौती हुई है।

बीडीसी और ग्राम पंचायत सदस्यों की संख्या में बदलाव

जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) कमल किशोर ने बताया कि पंचायत चुनावों की तैयारी के तहत वार्डों का पुनः परिसीमन किया जा रहा है। हालांकि जिला पंचायत क्षेत्र के वार्डों की सीमा में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा, लेकिन उनकी आबादी और मतदाताओं की संख्या में जरूर अंतर आएगा। फिलहाल जिले में 1467 क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी) हैं। पहले जहां 14,921 ग्राम पंचायत सदस्य चुने जाते थे, अब शहरी क्षेत्र में जाने के कारण उनकी संख्या घटकर 12,856 रह गई है। यानी 65 ग्राम पंचायत सदस्य पद समाप्त हो गए हैं।

क्या है परिसीमन का महत्व?

वार्ड परिसीमन का सीधा प्रभाव चुनाव की निष्पक्षता और जनप्रतिनिधित्व की गुणवत्ता पर पड़ता है। इससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि प्रत्येक वार्ड में लगभग समान जनसंख्या और मतदाता हों, ताकि किसी भी क्षेत्र को असमान प्रतिनिधित्व न मिले। यह प्रक्रिया जनसंख्या के नए आंकड़ों और क्षेत्रीय बदलावों के आधार पर की जाती है।

0 comments:

Post a Comment