लेजर हथियार से लैस भारत: दुश्मनों की नींद उड़ी!

नई दिल्ली। भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अब देश उन चुनिंदा राष्ट्रों की सूची में शामिल हो गया है जिनके पास लेजर आधारित हथियार प्रणाली की तकनीकी क्षमता है। अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों के बाद भारत ने भी अत्याधुनिक लेजर वेपन विकसित कर लिया है, जो युद्ध के मैदान में आने वाले समय में एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है।

कैसे काम करता है यह हथियार?

भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा विकसित यह हथियार 30 किलोवाट की लेजर शक्ति से लैस है। यह हथियार दुश्मनों के फाइटर जेट, मिसाइल और स्वार्म ड्रोन जैसे खतरनाक उपकरणों को कुछ ही सेकंड में राख कर सकता है। यह हथियार लाइट बीम (प्रकाश किरण) के जरिए टारगेट को गर्म करता है और उसे इस हद तक क्षतिग्रस्त कर देता है कि वह कार्य करने योग्य नहीं रहता। यह एक ‘Silent Killer’ की तरह काम करता है — बिना शोर किए दुश्मन के हथियारों को निष्क्रिय कर देना इसकी सबसे बड़ी ताकत है।

डीआरडीओ का कमाल

इस अत्याधुनिक हथियार को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने तैयार किया है। हाल ही में इसका परीक्षण भी सफल रहा है। DRDO ने फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्ट, मिसाइल और स्वार्म ड्रोन जैसे टारगेट पर इसका प्रभावशाली प्रदर्शन किया है। आने वाले समय में इसकी मारक क्षमता और दायरा दोनों बढ़ाए जाएंगे।

लेजर हथियार क्यों हैं खास?

सटीकता: पारंपरिक हथियारों के मुकाबले लेजर हथियार कहीं अधिक सटीक होते हैं।

कम लागत: हर फायरिंग पर खर्च भी मिसाइलों की तुलना में काफी कम होता है।

कवचभेदी शक्ति: यह हथियार किसी भी धातु या सामग्री को सेकंडों में भेद सकता है।

सबसे तेजी: इनकी प्रतिक्रिया समय (response time) बेहद तेज होता है – यानी हमला होते ही तुरंत जवाब।

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