8वें वेतन आयोग: केंद्रीय कर्मियों को एरियर मिलेगा?

नई दिल्ली। भारत सरकार के अधीन लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की नजर इस समय आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) पर टिकी हुई है। सातवां वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 से लागू हुआ था और अब लगभग एक दशक के बाद अगली बड़ी वेतन पुनरीक्षा की तैयारी हो रही है। हालांकि सरकार ने अब तक केवल आठवें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की है, इसकी समिति, कार्यशैली और प्रारंभिक रूपरेखा के बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है।

आयोग के गठन में देरी, लेकिन राहत की उम्मीद

ऐसे संकेत हैं कि वेतन आयोग की रिपोर्ट में देरी हो सकती है, लेकिन सरकार की नीति के अनुसार आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से प्रभावी मानी जाएंगी, भले ही रिपोर्ट देर से आए। इसका मतलब यह है कि जब आयोग की सिफारिशें लागू की जाएंगी, तो कर्मचारियों को उस अवधि का एरियर मिलने की पूरी संभावना है।

एरियर क्यों मिल सकता है?

पिछले वेतन आयोगों की प्रक्रिया को देखते हुए, यह देखा गया है कि रिपोर्ट आने और सरकार द्वारा उसे लागू करने में अक्सर महीनों का समय लग जाता है। यदि 8वां वेतन आयोग अपनी सिफारिशें 2026 की दूसरी छमाही में देता है, और सरकार उसे कुछ संशोधनों के साथ मंजूरी देती है, तो सिफारिशों के लागू होने की तिथि जनवरी 2026 से ही मानी जाएगी। इस स्थिति में, कर्मचारियों को रिपोर्ट लागू होने की तिथि से लेकर वास्तविक वेतन वृद्धि मिलने तक की अवधि के लिए बकाया वेतन (एरियर) दिया जाएगा।

फिटमेंट फैक्टर मुख्य आधार

हालांकि आयोग की सिफारिशों का मसौदा अभी सार्वजनिक नहीं हुआ है, विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार वेतन ढांचे में फिटमेंट फैक्टर को 2.5 से 2.8 के बीच रखा जा सकता है। फिटमेंट फैक्टर वह गुणांक होता है जिसके आधार पर बेसिक सैलरी को पुनर्गठित किया जाता है। 7वें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 रखा गया था। यदि इसे बढ़ाकर 2.8 किया जाता है, तो कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हो सकती है।

महंगाई भत्ता (DA) की भूमिका

आठवें वेतन आयोग के लागू होने से पहले तक कर्मचारियों को महंगाई भत्ते में तिमाही वृद्धि मिलती रहेगी। 2026 में वेतन आयोग लागू होने पर डीए को रीसेट किया जाएगा और नई बेसिक सैलरी के अनुसार फिर से तय किया जाएगा।

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