सैलरी और भत्तों में वृद्धि
सरकार ने जिला परिषद अध्यक्ष का मासिक भत्ता 20,000 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये कर दिया है, जो उनके काम के प्रति सम्मान और जिम्मेदारी को दर्शाता है। इसी तरह, जिला परिषद उपाध्यक्ष का मासिक भत्ता 10,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये किया गया है। पंचायती राज संस्थाओं के अन्य महत्वपूर्ण प्रतिनिधि जैसे मुखिया का मासिक भत्ता 5,000 रुपये से बढ़ाकर 7,500 रुपये कर दिया गया है। इस बढ़ोतरी से न केवल प्रतिनिधियों को आर्थिक रूप से सहारा मिलेगा, बल्कि यह स्थानीय शासन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और जिम्मेदारी भी बढ़ाएगा।
मृत्युपरक अनुदान और स्वास्थ्य सहायता
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पंचायती राज विभाग से जुड़ी एक अन्य महत्वपूर्ण घोषणा भी की है, जिसके तहत पंचायत प्रतिनिधि की सामान्य परिस्थितियों में मृत्यु होने पर उनके परिवार को पांच लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा। इससे पहले यह सुविधा केवल दुर्घटना में मृत्यु के मामले में ही उपलब्ध थी। यह निर्णय पंचायत प्रतिनिधियों के परिवारों को सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
साथ ही, पंचायत प्रतिनिधियों के स्वास्थ्य के प्रति भी सरकार ने संवेदनशीलता दिखाई है। यदि कोई पंचायत प्रतिनिधि गंभीर बीमारी से ग्रस्त होता है, तो उसे मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से स्वास्थ्य सुविधाएं और उपचार उपलब्ध कराया जाएगा। यह व्यवस्था स्वास्थ्य सुरक्षा की दृष्टि से प्रतिनिधियों के लिए राहत एवं सुरक्षा का एक मजबूत आधार बनेगी।
0 comments:
Post a Comment