इजरायल के सामने कितनी देर टिक पाएगा ईरान, जानें दोनों की ताकत

न्यूज डेस्क। मध्य-पूर्व एक बार फिर युद्ध की आग में झुलसने के करीब है। इजरायल ने ईरान के खिलाफ एयरस्ट्राइक की एक बड़ी श्रृंखला शुरू कर दी है। राजधानी तेहरान, इस्फहान और फोर्डो जैसे संवेदनशील और सामरिक महत्व के इलाकों में धमाकों की आवाजें गूंज रही हैं। 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, 200 से ज्यादा इजरायली फाइटर जेट्स ने एक ही दिन में ईरान के चार न्यूक्लियर और दो मिलिट्री ठिकानों पर हमला कर 78 लोगों को मौत के घाट उतार दिया है, जिनमें 6 परमाणु वैज्ञानिक और 4 टॉप मिलिट्री कमांडर भी शामिल हैं।

अब सवाल यह है—क्या ईरान इजरायल के आगे टिक पाएगा? इस रिपोर्ट में हम दोनों देशों की सैन्य ताकत, तकनीकी क्षमता, रणनीतिक सोच और वैश्विक समर्थन का तुलनात्मक विश्लेषण करेंगे। जिससे दोनों की ताकत का सही अंदाजा लगाया जा सकता हैं। 

अंतरराष्ट्रीय समर्थन

इजरायल को अमेरिका, ब्रिटेन और पश्चिमी देशों का प्रबल समर्थन प्राप्त है। अमेरिका से उसे F-35 जैसे अत्याधुनिक हथियार मिलते हैं और यूएन में उसका प्रभाव भी मजबूत है। जबकि, ईरान पर अमेरिका और यूरोपीय देशों द्वारा पहले से ही कई प्रतिबंध हैं। उसे चीन और रूस का सीमित राजनीतिक समर्थन तो है, लेकिन खुले युद्ध में ये देश भी कूटनीतिक दूरी बनाए रखते हैं।

परमाणु शक्ति और खतरा

ईरान के पास अभी तक परमाणु हथियार की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन उसका परमाणु कार्यक्रम वर्षों से संदेह के घेरे में है। जबकि, इजरायल के पास गुप्त रूप से 80-90 परमाणु हथियार होने का अनुमान है, हालांकि उसने इसे आधिकारिक रूप से स्वीकार नहीं किया।

दोनों देशों की सैन्य ताकत

1 .कुल सैनिक: इजरायल के पास ~1.7 लाख सक्रिय और 4.5 लाख रिजर्व, जबकि ईरान के पास ~5.7 लाख सक्रिय और 3.5 लाख रिजर्व सैनिक हैं।

2 .फाइटर जेट: इजरायल के पास ~350 अत्याधुनिक फाइटर जेट (F-35, F-15, F-16), वहीं ईरान के पास ~300 पुराने जेट (MiG-29, F-4, Su-24 आदि) हैं।

3 .मिसाइल प्रणाली: इजरायल के पास आयरन डोम, डेविड स्लिंग, एरो-3 जैसे उन्नत सिस्टम हैं, जबकि ईरान के पास शाहब, फतेह-110 और ज़ुल्फ़िकार जैसे मिसाइल हैं।

4 .ड्रोन टेक्नोलॉजी: इजरायल के पास AI आधारित अत्याधुनिक ड्रोन हैं, जबकि ईरान के पास पारंपरिक लेकिन मजबूत ड्रोन क्षमता है।

5 .पनडुब्बियाँ: इजरायल के पास डॉल्फिन क्लास परमाणु क्षमता वाली पनडुब्बियाँ हैं, वहीं ईरान के पास सीमित डीज़ल पनडुब्बियाँ हैं।

6 .सैटेलाइट और साइबर क्षमता: इजरायल साइबर युद्ध और सैटेलाइट निगरानी में दुनिया में अग्रणी है, जबकि ईरान इसमें काफी पीछे है।

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