मंडल स्तर पर चौंकाने वाले आंकड़े
यह जांच अभियान मुरादाबाद मंडल के कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह की निगरानी में पांच जिलों — मुरादाबाद, रामपुर, संभल, अमरोहा और बिजनौर — में चलाया गया। जांच में सामने आए आंकड़े चौंकाने वाले हैं: संभल: 842 में से 307 फर्जी (36.5%), रामपुर: 1273 में से 232 फर्जी (18.2%), अमरोहा: 733 में से 120 फर्जी (16.3%), मुरादाबाद: 1043 में से 249 फर्जी (23.9%), बिजनौर: 452 में से 185 फर्जी (40.9%)।
जांच प्रक्रिया और निष्पक्षता
इस बार जांच की प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए खाद्य एवं रसद विभाग के अधिकारियों को टीमों में शामिल नहीं किया गया। इसके बजाय जांच का जिम्मा नायब तहसीलदारों और खंड विकास अधिकारियों को सौंपा गया, ताकि विभागीय मिलीभगत की आशंका को टाला जा सके।
राज्य सरकार की सख्त कार्रवाई के निर्देश
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए 15 जून से 21 जून 2025 तक राज्य के सभी जिलों की ग्राम सभाओं में अंत्योदय कार्डों की गहन जांच और सत्यापन कराने का निर्देश दिया है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि: अपात्र व्यक्तियों के नाम राशन कार्ड सूची से तुरंत हटाए जाएं। जिन अधिकारियों/कर्मचारियों की लापरवाही से ये कार्ड जारी हुए हैं, उनके खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
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