हालांकि यह कदम सरकार की ओर से एक सकारात्मक पहल के रूप में देखा जा सकता है, लेकिन संविदा कर्मचारी संगठनों में इस मामूली बढ़ोतरी को लेकर गहरा असंतोष है। संविदा अधिकारी-कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने इस पर निराशा जताई है।
क्या है वृद्धि का आधार?
यह वृद्धि सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 22 जुलाई 2023 को जारी परिपत्र और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के आधार पर निर्धारित की गई है। CPI के मुताबिक महंगाई के स्तर को देखते हुए 2.94% की वृद्धि तय की गई है।
कितनी होगी सैलरी में बढ़ोतरी?
संविदा कर्मचारियों को इस निर्णय से 300 से 1500 रुपए प्रति माह तक का लाभ होगा। यह राशि उनके वर्तमान वेतन के आधार पर तय होगी। न्यूनतम वेतन पाने वालों को कम और उच्च वेतन पाने वाले संविदा अधिकारियों को तुलनात्मक रूप से थोड़ी अधिक राशि मिलेगी।
अपेक्षा थी 4% तक की वृद्धि की
संघ के अध्यक्ष राठौर के मुताबिक, पिछले वित्त वर्ष 2024-25 में वेतन वृद्धि 3.78 प्रतिशत हुई थी, जबकि इस बार 2.94 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने कहा कि लगातार बढ़ रही महंगाई और जीवन यापन की लागत के बीच यह वृद्धि 'नाम मात्र' है और इससे कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। राठौर ने यह भी मांग की है कि सरकार संविदा कर्मचारियों को भी नियमित कर्मचारियों की तरह महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) दे, ताकि वे वास्तविक रूप से आर्थिक राहत महसूस कर सकें।
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