बिहार के सरकारी स्कूलों में नई व्यवस्था, क्या हुआ बदलाव?

पटना। बिहार सरकार ने सरकारी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए एक नई व्यवस्था लागू की है। अब हर पंचायत में संचालित प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालय तथा आंगनबाड़ी केंद्र कॉम्प्लेक्स रिसोर्स सेंटर (CRC) के अंतर्गत आएंगे। यह कदम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अनुशंसाओं के अनुरूप उठाया गया है।

राज्य में करीब 9,000 संकुल संसाधन केंद्रों का पुनर्गठन किया गया है, ताकि पंचायत स्तर पर शिक्षकों और विद्यालयों के बीच सहयोग और शैक्षणिक मार्गदर्शन को मजबूत किया जा सके। प्रत्येक पंचायत में एक CRC स्थापित किया गया है, जिसका समन्वय पंचायत स्थित वरीयतम शिक्षक करेंगे।

कॉम्प्लेक्स रिसोर्स सेंटर क्यों बनाए गए?

इन केंद्रों का मुख्य उद्देश्य सरकारी विद्यालयों और आंगनबाड़ी केंद्रों में संसाधनों और विशेषज्ञता का आदान-प्रदान आसान बनाना है। इसके अलावा, यह शिक्षकों के बीच शैक्षणिक मार्गदर्शन, सहपाठी अधिगम को सुदृढ़ बनाने और कक्षा में आने वाली चुनौतियों का समाधान करने में मदद करेगा। CRC के समन्वयक नियमित विद्यालय भ्रमण कर शिक्षकों को सलाह देंगे और उनकी गतिविधियों की मॉनीटरिंग करेंगे।

मासिक बैठक और रोस्टर प्रणाली

CRC में शिक्षकों के अकादमिक विकास के लिए मासिक बैठक आयोजित की जाएगी। पंचायत के शिक्षकों को अलग-अलग समूहों में बांटकर हर शनिवार 12 बजे से 3 बजे तक बैठक का आयोजन होगा।

पहला शनिवार: कक्षा 1 से 3 के शिक्षक

दूसरा शनिवार: कक्षा 3 और 4 के शिक्षक तथा पहले शनिवार की बैठक में शामिल न हो पाने वाले शिक्षक

तीसरा शनिवार: मध्य और उच्च विद्यालयों के हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू और समाज विज्ञान के शिक्षक

चौथा शनिवार: मध्य और उच्च विद्यालयों के गणित एवं विज्ञान शिक्षक

पांचवां शनिवार: CRC समन्वयक द्वारा विद्यालय भ्रमण और बैठक

बैठकों का एजेंडा पहले से तय होगा, और इसमें शिक्षण के दौरान आने वाली समस्याओं और उनके समाधान पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके साथ ही शिक्षक अपने विद्यालय के लिए मासिक योजना बनाएंगे और नवाचार में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया जाएगा।

ध्यान देने योग्य बातें

बैठक में विद्यालय प्रबंधन, नियुक्ति, स्थानांतरण या आधारभूत संसाधनों से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा नहीं होगी। बैठक का संचालन संबंधित समूह के चुने गए शिक्षक प्रतिनिधि करेंगे और कार्यवाही तैयार करने की जिम्मेदारी समूह समन्वयक की होगी। इस नई व्यवस्था से बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और शिक्षक सहयोग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

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